रविवार, 30 अक्टूबर 2011

केंद्रीय हिंदी संस्थान : पुरस्कारों की घोषणा

केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा १९६१ ई. में संस्थापित स्वायत्त संगठन केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल द्वारा संचालित एक स्वायत्तशासी शैक्षिक संस्था है| संस्थान का मुख्यालय आगरा में स्थित है| इसके आठ केंद्र इन नगरों में सक्रिय हैं - दिल्ली (१९७०), हैदराबाद (१९७६), गुवाहाटी (१९७८), शिलांग (१९८७), मैसूर (१९८८), दीमापुर (२००३), भुवनेश्वर (२००३) तथा अहमदाबाद (२००६)|

दिनांक १० अक्तूबर को एक पत्रकार सम्मेलन के दौरान संस्थान के निदेशक प्रो़. मोहन ने बताया कि भारत की एकता की एक महत्वपूर्ण कड़ी हिंदी है| आधुनिक भारत के लिए राष्ट्रीय एकता सबसे बड़ा मूल्य है, जो केंद्रीय हिंदी संस्थान के हर कार्यक्रम के मूल में विद्यमान रहा है| प्रत्येक वर्ष केंद्रीय हिंदी संस्थान हिंदी में प्रचार-प्रसार के लिए कुल १४ पुरस्कार हिंदी विद्वानों को देता है|

इस अवसर पर केंद्रीय हिंदी संस्थान के माननीय उपाध्यक्ष प्रो. अशोक चक्रधर ने वर्ष २००८ एवं २००९ के लिए निम्न पुरस्कारों की घोषणा की है--
१. गंगाशरण सिंह पुरस्कार
(हिंदी प्रचार-प्रसार एवं हिंदी प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिये)
वर्ष २००८ के लिये- १. श्री गिरीश कर्नाड, २. श्री माधुरी छेड़ा, ३. श्री बल्ली सिंह चीमा तथा वर्ष २००९ के लिये- १. श्री वाई. लक्ष्मी प्रसाद, २. श्री मधुर भंडारकर, ३.श्री दामोदर खडसे, ४.श्री चमनलाल सप्रू।

२. गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार
(हिंदी पत्रकारिता तथा रचनात्मक साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिये)
वर्ष २००८ के लिये- 1. श्री पंकज पचौरी, 2. श्री विनोद अग्निहोत्री तथा वर्ष 2009 के लिये 1. श्री ब्रजमोहन बख्शी, 2. श्री बलराम

३.आत्माराम पुरस्कार
(वैज्ञानिक एवं तकनीकी साहित्य और उपकरण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिये)
वर्ष 2008 के लिये- 1. प्रो. यशपाल एवं 2. श्री मुहम्मद ख़लील तथा वर्ष 2009 के लिये 1. श्री सुभाष लखेड़ा, 2. श्री नरेंद्र सहगल

४.सुब्रह्मण्य भारती पुरस्कार
(हिंदी के विकास से संबंधित सर्जनात्मक/आलोचनात्मक क्षेत्रों में उल्लेखनीय सेवाओं के लिये)
वर्ष 2008 के लिये- 1. श्री नंदकिशोर आचार्य एवं 2. श्री विजय बहादुर सिंह तथा वर्ष 2009 के लिये- १. श्री अजित कुमार एवं 2. श्री गोपाल चतुर्वेदी

५. महापण्डित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार
(हिंदी में खोज एवं संधान करने तथा यात्रा विवरण आदि के लिये)
वर्ष 2008 के लिये- 1. श्री गोपाल राय एवं 2. डॉ. विमलेश कांति वर्मा तथा वर्ष 2009 के लिये 1. डॉ. हरिमोहन एवं 2. डॉ. विक्रम सिंह

६. डॉ. जार्ज ग्रियर्सन पुरस्कार
(एक विदेशी हिंदी विद्वान को विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य के लिये)
वर्ष 2008 के लिये- 1. श्री हरमन वैन ऑलफन (यू.एस.ए.) तथा वर्ष 2009 के लिये 1. श्री ली जंग हो (कोरिया)

७. पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार
(किसी भारतीय मूल के विद्वान को विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य के लिये)
वर्ष 2008 के लिये- 1. श्रीमती पूर्णिमा वर्मन तथा वर्ष 2009 के लिये 1. श्री सुरेंद्र गंभीर

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