सोमवार, 28 मार्च 2011

शरद जोशी के नाटक एक था गधा.. का कोटा में मंचन


कोटा : भारत सरकार के सँस्थान इंस्ट्रुमेंटेशन लि. के क्लब मेँ होली मिलन के अवसर पर् प्रसिद्ध व्यंग्यकार शरद जोशी द्वारा लिखित बहुचर्चित नाटक ‘एक था गधा उर्फ अलादाद खाँ’ के चुटीले एवँ व्यँग्य से भरे सँवादोँ ने उपस्थित दर्शकोँ को खूब ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया। सप्त शृंगार संस्था द्वारा प्रस्तुत एवँ अरविन्द शर्मा द्वारा निर्देशित इस नाट्क मेँ वर्तमान स्थितियों पर सटीक कटाक्ष किए गए जिसका लोगोँ ने जम कर आनन्द उठाया।

नाटक के माध्यम से बताया गया था कि झूठी शानौ शौकत तथा समाज मेँ अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए सामंतवादी लोग अपने मतलब के लिए एक आम आदमी का बलिदान भी आसानी से कर सकते हैँ। नाटक के एक पात्र झुग्गन धोबी के गधे जिसका नाम अलादाद था की मृत्यु हो जाती है। जुग्गन के विलाप करने पर लोग समझते है कि उसके किसी रिश्तेदार की मौत हो गई। यह खबर नगर के नवाब तक पहुँचती है तथा वे समाज मेँ लोकप्रियता हासिल करने के लिए यह एलान कर देते है कि अलादाद खाँ को पूरे सम्मान के साथ दफनाया जायेगा तथा उसके जनाज़े मेँ वे शरीक हो कर उसे कन्धा देँगे। भेद खुलने पर जब यह पता चलता है कि मरने वाला आदमी नहीं गधा था तो अपनी इज्जत और आबरू बचाने के चक्कर मेँ अलादाद खाँ नामक एक आदमी को पकड कर लाया जाता है और उसकी हत्या करके उसका जनाज़ा बडी शान से निकाला जाता है जिसमेँ नवाब साहब शरीक होकर कन्धा देते है।

नवाब की भूमिका मेँ अब्दुल सलाम, कोतवाल बने गोविन्द तिवारी, जुग्गन धोबी धीरज तोमर, नत्थू दर्जी हेमराज कछावा, पानवाला नवीन अरोरा, चिँतक की भूमिका मेँ मनोज पाठक, दीपक गौतम और विजय मैथुल, नागरिक के अभिनय मेँ सँदीप राय, पियूष पारीक एवँ आशीश मोदी एवँ कैलाश प्रजापति, रामकली के रूप मेँ ज्योति भदौरिया, अलादाद खाँ वैभव गौतम एवँ सूत्रधार बने शिवाशिव दाधीच ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शकोँ को बाँधे रखा। सँगीत ब्रजेश दाधीच तथा रामू ने दिया रूप सज्जा दयानन्द सप्रे तथा अश्वथामा दाधीच ने तथा प्रकाश व्यवस्था विवेक शर्मा ने सँभाली ।

इससे पूर्व गीत, संगीत, नृत्य एवं हास्य कविताओं ने भी दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। संगीतकार ब्रजेश दाधीच् के निर्देशन मेँ कोटा के उभरते गायक मार्कण्डेय दाधीच तथा बून्दी से आई गायिका रजनी शर्मा एवं तरुण जाँगिड ने अपने गीतों से एवं नृत्य गुरू संगीता झाँवर के निर्देशन मेँ उनकी शिष्याएँ प्रग्या काबरा, एश्वर्या झाँवर, सौम्या गोयल, सलौनी सक्सेना एवं रक्षित पंचौली ने अपने नृत्योँ से कार्यक्रम मेँ चार चाँद लगा दिए। ताल वाद्य पर संगत सोनू तथा रोशन ने की। कोटा के जाने माने हास्य कवि सुरेश पण्डित ने भी अपनी रचनाओँ से खूब गुदगुदाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आई.एल. संस्थान के निदेशक (उत्पादन) श्री पी एम. भारद्वाज थे। क्लब के महासचिव एम सी माहेश्वरी ने अतिथियोँ का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन शरद तैलंग ने किया।

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