रविवार, 28 जून 2009

अधिवक्ताओं के बौद्धिक एवं सांस्कृतिक मंच 'कवितायन' का वार्षिकोत्सव

नयी दिल्ली के त्रिवेणी सभागार में सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं के बौद्धिक एवं सांस्कृतिक मंच 'कवितायन' का वार्षिकोत्सव सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सम्मान समारोह एवं काव्य संध्या का आयोजन किया गया। विख्यात ग़ज़लकार लक्ष्मीशंकर वाजपेयी,कवयित्री सरिता शर्मा, कवि विवेक गौतम तथा अधिवक्ता एवं कवि अनीस अहमद खान और सुरेश गुप्ता 'कातिब' को सम्मानित करते हुए कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सर्वोच्च न्ययालय के माननीय न्यायाधीश श्री वी एस सिरप्रकर ने कहा-इस पूरी प्रकृति में कविता का तानाबाना और लय मौजूद है। अधिवक्ताओं में संवेदना का बचा रहना बहुत जरूरी है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सर्वोच्च न्ययालय के माननीय न्यायाधीश डा. मुकुन्दकम शर्मा ने गैर हिन्दी भाषी होते हुए भी दिनकर की कविता का पाठ कर लोगों को चमत्कृत कर दिया। बाद में ममता किरण,रविन्द्र शर्मा 'रवि',सरिता शर्मा, लक्ष्मीशंकर वाजपेयी, विवेक गौतम, अनीस अहमद खान, अभिषेक आत्रेय, विवेक मिश्र, नमिता राकेश आदि ने काव्यपाठ कर अधिवक्ताओं से श्रे खचाखच सभागार में खूब तालियाँ बटोरीं। कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता एवं 'कवितायन' के सचिव चन्द्रषेखर आश्री ने किया। अधिवक्ता एवं 'कवितायन' के अध्यक्ष वी शेखर ने संस्था की गतिविधियों के बारे में बताया। ऊपर चित्र में- कवितायन के अध्यक्ष लक्ष्मीशंकर वाजपेयी को सम्मानित करते हुए।


इंडिया इंटरनेशनल सेंटर एवं इंडियन सोसायटी आफ आथर्स के संयुक्त तत्वावधान में 'मेरी पसन्द की कविताएँ' शृंखला के अंर्तगत इस बार सुप्रसिद्ध ग़ज़लकार लक्ष्मीशंकर वाजपेयी ने अपनी पसन्द की कविताएँ प्रस्तुत की। श्री वाजपेयी ने विभिन्न भारतीय भाषाओं एवं अनेक देषों के प्रतिष्ठित कवियों की इकतीस रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सुपरिचित कथाकार चित्रा मुद्गल ने कहा-श्री वाजपेयी की प्रस्तुति ने कविताओं को ऐसे जीवंत किया जैसे किसी पत्थर की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा कर दी गयी हो। कार्यक्रम में विषिष्ट अतिथि के रूप में कवि एवं पूर्व सांसद श्री उदय प्रताप सिंह और अंग्रेजी कवि केकी एन दारूवाला उपस्थित थे। इस अवसर पर गंगा प्रसाद विमल, रंजीत साहा, वीरेन्द्र सक्सेना, डा. कमल कुमार सहित अनेक साहित्यकार उपस्थित थे।
--नीरज तिवारी

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