
इस अवसर पर सम्मान प्रक्रिया के सन्दर्भ में बताते हुए संस्था के संयोजक योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' ने कहा -"सम्मान प्रक्रिया के अंतर्गत लगभग ३५ साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित सम्मान हेतु प्रविष्टि आमंत्रण विषयक विज्ञप्ति के क्रम में देश के ८ राज्यों से कुल २८ काव्य -कृतियाँ प्राप्त हुयीं जिनमें से सर्वोत्कृष्ट काव्यकृति के चयन हेतु गठित निर्णायक मंडल द्वारा झज्जर (हरियाणा) के चर्चित युवा कवि श्री राकेश 'मधुर' की काव्यकृति 'चाँद को सब पता है' का सम्मान हेतु चयन किया गया।" कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सुप्रसिद्ध साहित्यकार नवगीतकवि श्री माहेश्वर तिवारी ने कहा -"राकेश 'मधुर' की कवितायेँ भाषाई सहजता और बिम्बों की ताजगी की चाशनी में पगी हुयी होती हैं।" मुख्य अतिथि लखनऊ से पधरे वरिष्ठ साहित्यकार श्री मधुकर अष्ठाना ने कहा -"मधुर की रचनाधर्मिता में समाज के सांस्कृतिक संकट की फ़िक्र साफ झलकती है।" विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ गीतकार श्री अनुराग गौतम ने कहा -"मधुर की कवितायेँ संवेदनात्मक अनुभूति जगातीं हैं।" विशिष्ट अतिथि प्रख्यात शायर डॉ. स्वदेश भटनागर ने इस अवसर पर कहा -" काव्यकृति 'चाँद को सब पता है' की कविताएँ आज की युवा कविता की चर्चा को में ला खड़ा हैं।" कार्यक्रम में सम्मानित कवि श्री राकेश 'मधुर' ने काव्यपाठ करते हुए कविता पढ़ी -"धुआँ / चूल्हे से उठकर / आँखों में जाता है / चुभता है सुई-सा /बहुत गुस्सा आता है / फिर दब भी जाता है / गुस्सा भूख से डर जाता है "
सम्मान समारोह में राम दत्त द्विवेदी, राजेश भारद्वाज, मनोज 'मनु', अशोक विश्नोई, वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी, डॉ . मीना नकवी, अंजना वर्मा, रामेश्वरी देवी, डॉ . प्रेमकुमारी कटियार, अतुल कुमार जौहरी, शिशुपाल मधुकर, अवनीश सिंह चौहान, विकास मुरादाबादी, निज़ाम हतिफ,सुप्रीत गोपाल आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल सञ्चालन मशहूर शायर डॉ . कृष्ण कुमार 'नाज़' ने किया। आभार अभिव्यक्ति संस्था के संयोजक योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' ने प्रस्तुत की।
- योगेन्द्र वर्मा 'व्योम'
संयोजक - 'अक्षरा'
मुरादाबाद (उ.प्र.)
मो . 9412805981
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