बुधवार, 14 मार्च 2012

आधुनिक हिंदी काव्य पर दो दिन की व्याख्यानमाला संपन्न

हैदराबाद, १३ मार्च, २०१२. दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा द्वारा संचालित उच्च शिक्षा और शोध संस्थान के तत्वावधान में यहाँ स्नातकोत्तर छात्रों के निमित्त ''आधुनिक हिंदी काव्य का इतिहास'' विषयक दो-दिवसीय व्याख्यानमाला सोमवार और मंगलवार को आयोजित की गई। चार सत्रों में संपन्न इस आयोजन की अध्यक्षता प्रो. ऋषभ देव शर्मा ने की।

अतिथि वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए उस्मानिया विश्वविद्यालय और इफ्लु से संबद्ध रहे प्रो. एम. वेंकटेश्वर ने साहित्येतिहास दर्शन पर प्रकाश डाला और विस्तार से भारतेंदु युग, द्विवेदी युग, छायावादी और उत्तर-छायावादी हिंदी कविता की प्रवृत्तियों, उपलब्धियों और सीमाओं का तत्-तत् कालीन राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय परिस्थितियों के संदर्भ में गंभीर विवेचन किया। आरंभ में डॉ. साहिरा बानू ने अतिथि वक्ता का परिचय दिया तथा बाद में डॉ.गुर्रमकोंडा नीरजा, डॉ. गोरखनाथ तिवारी , डॉ.मृत्युंजय सिंह और शोधार्थियों ने टिप्पणियाँ कीं। परवीन सुल्ताना ने धन्यवाद प्रकट किया।

ऋषभदेव शर्मा

3 टिप्‍पणियां:

santha sundari.r ने कहा…

badhaaee sharma jee. samachar padhkar khushee huee.

santha sundari.r ने कहा…

badhaee sharma jee.
samachar padhkar khushee huee.

dr vinita sinha ने कहा…

guruji ko prannam
safaltapoorvak sampann hua karyakram iss baat ki hardik badai. mere pass aapka cell no nahi hai.sambhav ho tho deejiye....saadar
dr. vinita sinha