सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में 18 फरवरी की शाम गवर्नमेंट हाउस में न्यू साउथ वेल्स की प्रीमियर (प्रदेश प्रमुख) क्रिस्टीना कनीली ने भारतीय सबकॉन्टिनेंट कम्यूनिटी अवार्ड से भारतीय मूल के छः व्यक्तियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया । इन पुरस्कारों की घोषणा पिछले साल नवम्बर में दीवाली के कार्यक्रम के दौरान संसद भवन में की गई थी और इनके लिए नामांकन दिसंबर में खुला था । पुरस्कार की घोषणा के पीछे एक ही उद्देश्य था कि उन लोगों के कार्य का सम्मान किया जाए जिन्होंने किसी भी क्षेत्र में अपना योगदान दिया है, मुख्य रूप से जिन पाँच क्षेत्रों की घोषणा की गई वे थे व्यापार और उद्योग, कला और संस्कृति, सामाजिक सद्भावना और आजीवन उपलब्धि पुरस्कार।
इस कार्यक्रम में गवर्नमेंट हाउस में अनेक जाने-माने लोग उपस्थित थे, जिनमें भारत के कौंसल जनरल अमित दासगुप्ता के अलावा भारतीय विद्या भवन के गंभीर वाट्स, अन्य संस्थाओं के संचालक और मीडिया के लोग भी थे। आकर्षण की बात ये भी थी कि प्रीमियर क्रिस्टीना कनीली ने हल्के नीले रंग की साड़ी पहनी थी जिसने हर भारतीय का दिल जीत लिया । हल्के खान-पान के बीच ही प्रीमियर का भाषण शुरू हुआ निस्में उन्होंने कहा कि न्यू साउथ वेल्स में करीब १००॰००० भारतीय मूल के निवासी हैं, जो ऑस्ट्रेलिया के समाज का महत्वपूर्ण अंग हैं । समुदाय के लोगों ने अनेक क्षेत्रों में अपना योगदान दिया है जैसे शिक्षा, व्यवसाय, कला और सार्वजनिक सेवाएँ । प्रीमियर ने पुरस्कार प्राप्त करनेवाले लोगों को न्यू साउथ वेल्स सरकार की ओर से बधाई देते हुए कहा कि नौकरी और परिवार में संतुलन करते हुए समाज के लिए कुछ कर पाना सचमुच प्रशंनीय है। २०११ के पुरस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्ति थे- श्री चंद्रू तुलानी- जिन्हें व्यापार और उद्योग के लिए सम्मानित किया गया, चंद्रू तुलानी १९७५ में ऑस्ट्रेलिया आए और अपनी मेहनत से सबसे बड़े आयातक बन गए, उन्होंने होटल व्यवसाय में भी सफलता पाई।
कला और संस्कृति का पुरस्कार मिला सिडनी की जानी-मानी एस बी एस रेडियो के हिन्दी विभाग की प्रोड्यूसर कुमुद मीरानी को, जो समय-समय नाटक और कला के क्षेत्र में योगदान देती रही हैं, कुमुद मीरानी को अपनी रेडियो वृत्तचित्र के लिए पहले भी एशिया पैसिफिक ब्रोडकास्टिंग यूनियन पुरस्कार और इंटरनैशनल एशियन रेडियो पुरस्कार भी मिल चुके हैं । सामाजिक सद्भाव का पुरस्कार मिला श्री पवन लूथरा को जो 'इन्डियन लिंक' समाचार पत्र के सम्पादक तो हैं ही, अन्य सामुदायिक क्षेत्रों में भी अपना योगदान देते रहते हैं, 'इन्डियन लिंक' समाचार पत्र के माध्यम से पवन हर विषय पर संतुलित दृष्टिकोण लोगों तक पहुँचाते रहे हैं विशेष रूप से भारतीय विद्यार्थियों के साथ हुई घटनाओं के मामले में । इसके अलावा राष्ट्रमंडल खेलों या यूरेनियम जैसे मुद्दों को भी उन्होंने अच्छी तरह से लोगों तक पहुँचाया था । आजीवन उपलब्धि पुरस्कार दो लोगों को दिया गया जिनमे एक थे डा० सिधालिंगेश्वर ओरिकोंडे और डा० गुरचरण सिंह सिधू, जिन्होंने पिछले कई सालों से समुदाय में महत्वपूर्ण योगदान दिया है । एक युवा छात्र मोहित तुलानी को कम्यूनिटी सर्विस पुरस्कार मिला । मोहित ने अनेक स्वैच्छिक परियोजनाओं में, विभिन्न संस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण काम किया है और आजकल वे बहुसांस्कृतिक युवा नेटवर्क के सक्रिय सदस्य हैं, पहले भी उन्हें अनेक पुरस्कार मिल चुके हैं ।
बाद में पार्लियामेंट्री फ्रेंड्स ऑफ़ इंडिया के सह-संयोजक डा० एंड्रयू मक्डोनाल्ड, ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और कहा कि भारतीय प्रवासियों के काम की सराहना करने की दिशा में यह एक प्रयास है । भले ही अगले महीने होने वाले चुनावों के मद्देनज़र सरकार ने यह कदम उठाया है, और शायद भारतीय प्रवासियों के वोट लेने के लिए उन्हें खुश किया गया है, जो भी कुछ हो पर भारतीय समुदाय ने कठिन परिश्रम करके ऑस्ट्रेलिया में जो जगह बनाई है और जो नाम कमाया है उसी के चलते आज सरकार उन्हें सम्मानित कर रही है । यहाँ तक कि प्रीमियर ने अपने चुनाव अभियान में हिन्दी का एक वाक्य 'मुझे आपका सहयोग चाहिए' बोलकर सबको चमत्कृत किया है । चूँकि ऑस्ट्रेलिया एक बहु-सांस्कृतिक समाज है, जिसमें अनेक देशों के लोग रहते हैं और करीब साठ मुख्य भाषाओं के अलावा कई अन्य भाषाएँ भी बोली जाती हैं, इसीलिये इस चुनाव-अभियान का प्रचार हिन्दी के साथ-साथ कुछ अन्य भाषाओं में भी अनुवादित कराया गया है । इस बार नए साल के फायर वर्क्स के मौके पर भी हार्बर ब्रिज पर अन्य भाषाओं के साथ हिन्दी में लिखा गया 'सिडनी में आपका स्वागत है', राजनीति कहें या बहु-संस्कृतिवाद, पर ये तो मानना पड़ेगा कि भारतीय समुदाय एक शक्ति के रूप में उभर रहा है और इसे अब अनदेखा नहीं किया जा सकता, और जाने-अनजाने ही पर हिन्दी का प्रचार भी हो ही रहा है ।
रेखा राजवंशी
सिडनी ऑस्ट्रेलिया
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