१५ अक्टूबर २०१० ‘देववाणी परिषद्, दिल्ली’ द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाने वाला पण्डितराज सम्मान संस्कृत के विश्रुत महाकवि एवं काव्यशास्त्र चिन्तक प्रो. रेवा प्रसाद द्विवेदी को किया गया।
यह सम्मान १५ अक्टूबर २०१० को ४:०० बजे अपराह्न ५६-५७ इन्स्टीट्यूशनल एरिया जनकपुरी नई दिल्ली में स्थित राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान के सम्मेलन कक्ष में आयोजित तेइसवें “पण्डितराज-महोत्सव” के उदघाटन समारोह में समर्पित किया गया। परिषद् के अध्यक्ष प्रो. रामकरण शर्मा इस सम्मान को अर्पित किया। संस्थान के कुलपति प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी इस अवसर पर मुख्यअतिथि थे।
ध्यातव्य है कि प्रो. रेवा प्रसाद द्विवेदी ने सीताचरितम् उत्तरसीताचरितम्, स्वातन्त्र्यसम्भवम् व कुमारविजयम् महाकाव्यों, सप्तर्षिकांग्रेसम् व यूथिका नाटकों, काव्यालंकारकारिका, नाट्यानुशासनम् व साहित्यशारीकम् काव्यशास्त्रीय ग्रन्थों की रचना द्वारा संस्कृत साहित्य की श्रीवृद्धि की है। आपने सम्पूर्ण कालिदास साहित्य का “कालिदासग्रन्थावली” के रूप में संपादन तथा अनुवाद किया है। “संस्कृत काव्यशास्त्र का आलोचनात्मक इतिहास” आदि अनेक ग्रन्थ आपके काव्यशास्त्रीय चिन्तन के द्योतक है। इनके अतिरिक्त आपने शतपत्रम्, रेवाभद्रपीठकाव्यम्, संस्कृतहीरकम्, शरभंगम् मतान्तरम्, शरशय्या, अवदानलतिका, अंलब्रह्म आदि अनेक ग्रन्थों की भी रचना की हैं।
ध्यातव्य है कि “पण्डितराज-महोत्सव” संस्कृत के शाहजहाँ के समकालीन, गंगालहरी, रसगंगाधर, भामिनीविलास, यमुनालहरी आदि ग्रंथो के प्रणेता पण्डितराज जगन्नाथ की याद में प्रति वर्ष देववाणी परिषद् दिल्ली के द्वारा मनाया जाता है। इस अवसर पर विद्वत् सम्मान विभिन्न भाषा काव्य गोष्ठी, पण्डितराज जगन्नाथ के ग्रन्थों से श्लोक पाठ तथा विद्वानों के व्याख्यान आयोजित होते है। इस वर्ष यह महोत्सव १५ से २२ अक्टूबर तक मानाया जा रहा है।
पण्डितराज सम्मान प्रतिवर्ष किसी संस्कृत कवि और काव्यशास्त्री को दिया जाता है। सम्मान में शॉल, श्रीफल तथा ग्यारह हजार की नकद राशि अर्पित की जाती है। विगत दो वर्षों में संस्कृत के प्रसिद्ध कवि और काव्यशास्त्री अभिराज राजेन्द्र मिश्र, डॉ शंकरदेव शर्मा “अवतरे” इस सम्मान से सम्मानित हुए है। इस वर्ष (२०१०) पण्डित राज सम्मान संस्कृत के महाकवि एवं काव्यतत्त्वचिन्तक महामहोपाध्याय आचार्या रेवा प्रसाद द्विवेदी को अर्पित किया जा रहा है।
“पण्डितराज-महोत्सव” के पूर्व राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान के सम्मेलन कक्ष में संस्थान का ४१ वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर हिन्दी-पक्षोत्सव का पुरस्कार वितरण एंव मुक्तस्वाध्यायपीठ का उदघाटन आदि कार्य सम्पन्न हुए। प्रो. रामकरण शर्मा सास्वतातिथि प्रो. रेवा प्रसाद द्विवेदी मुख्य अतिथि एवं कुलपति प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी अध्यक्ष थे।
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