जयपुर : प्रसिद्ध पार्श्व गायक स्व. मुकेश की पुण्य तिथि के अवसर पर जयपुर के प्रतिष्ठित ’जयपुर क्लब’ द्वारा २८ अगस्त ’१० को ’यादें मुकेश की...’ कार्यक्रम का आयोजन क्लब परिसर में किया गया। कार्यक्रम में क्लब के सदस्यों के अतिरिक्त मुकेश के गीतों के जाने माने गायक कोटा के राजीव मलहोत्रा को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था।
राजीव ने अपने गायन की शुरूआत मुकेश द्वारा गाई गईं रामचरित मानस की चौपाई ’ मंगल भवन अमंगल हारी.. से की और उसके बाद मुकेश के विभिन्न गीत जैसे ’होठों पे सचाई रहती है’ दुनिया से जाने वाले जाने चले जाते हैं कहाँ .. , कहीं दूर जब दिन ढ़ल जाए.., जाऊँ कहाँ बता ए दिल.., चल अकेला चल अकेला.., ये मेरा दीवानापन है.., कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है.., के साथ साथ उभरती हुई गायिका भव्या छाबडा के साथ कुछ युगल गीत ’सावन का महीना.., दिल की नज़र से नज़रों के दिल से.., क्या खूब लगती हो बडी सुन्दर दिखती हो.. ए मेरे सनम ए मेरे सनम.. गीत गाकर मुकेश की याद ताज़ा कर दी।
कार्यक्रम में गायक एवं ग़ज़लकार शरद तैलंग ने भी ’सजन रे झूठ मत बोलो.. तथा दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई .. तथा अजमेर से आए हुए गायक सुरेन्द्र विजयवर्गीय ने ’ सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी.. और इक दिन मिट जायेगा माटी के मोल..गीतों को सुना कर मुकेश को अपनी श्रद्धांजली दी। राजीव और भव्या के साथ जब शरद तैलंग ने फ़िल्म संगम का प्रसिद्ध गीत ’हर दिल जो प्यार करेगा वो गाना गाएगा.. सुनाया तो लोग झूमने लगे। कार्यक्रम में जयपुर क्लब के सद्स्य आर.के.परनामी, रवि शर्मा, केप्ट्न अरोरा, मधुकर पुरोहित नें भी मुकेश के विभिन्न गीतों को सुनाकर सबकी प्रशंसा बटोरी। इस अवसर पर नर्तक गोविन्दा ने ’जाने कहाँ गए वो दिन .. पर भावाभिनय भी किया। कार्यक्रम में सुपरिचित प्यानो एकॊर्डियन वाद्क अरुण चतुर्वेदी, की-बोर्ड वादक ब्रजेश दाधीच, गिटार वादक सुमित, ऒक्टोपेड़ वादक चेतन शर्मा तथा ढोलक कोंगों पर बबलू ने संगत की। कार्यक्रम का संचालन शरद तैलंग ने किया।
राजीव ने अपने गायन की शुरूआत मुकेश द्वारा गाई गईं रामचरित मानस की चौपाई ’ मंगल भवन अमंगल हारी.. से की और उसके बाद मुकेश के विभिन्न गीत जैसे ’होठों पे सचाई रहती है’ दुनिया से जाने वाले जाने चले जाते हैं कहाँ .. , कहीं दूर जब दिन ढ़ल जाए.., जाऊँ कहाँ बता ए दिल.., चल अकेला चल अकेला.., ये मेरा दीवानापन है.., कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है.., के साथ साथ उभरती हुई गायिका भव्या छाबडा के साथ कुछ युगल गीत ’सावन का महीना.., दिल की नज़र से नज़रों के दिल से.., क्या खूब लगती हो बडी सुन्दर दिखती हो.. ए मेरे सनम ए मेरे सनम.. गीत गाकर मुकेश की याद ताज़ा कर दी।
कार्यक्रम में गायक एवं ग़ज़लकार शरद तैलंग ने भी ’सजन रे झूठ मत बोलो.. तथा दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई .. तथा अजमेर से आए हुए गायक सुरेन्द्र विजयवर्गीय ने ’ सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी.. और इक दिन मिट जायेगा माटी के मोल..गीतों को सुना कर मुकेश को अपनी श्रद्धांजली दी। राजीव और भव्या के साथ जब शरद तैलंग ने फ़िल्म संगम का प्रसिद्ध गीत ’हर दिल जो प्यार करेगा वो गाना गाएगा.. सुनाया तो लोग झूमने लगे। कार्यक्रम में जयपुर क्लब के सद्स्य आर.के.परनामी, रवि शर्मा, केप्ट्न अरोरा, मधुकर पुरोहित नें भी मुकेश के विभिन्न गीतों को सुनाकर सबकी प्रशंसा बटोरी। इस अवसर पर नर्तक गोविन्दा ने ’जाने कहाँ गए वो दिन .. पर भावाभिनय भी किया। कार्यक्रम में सुपरिचित प्यानो एकॊर्डियन वाद्क अरुण चतुर्वेदी, की-बोर्ड वादक ब्रजेश दाधीच, गिटार वादक सुमित, ऒक्टोपेड़ वादक चेतन शर्मा तथा ढोलक कोंगों पर बबलू ने संगत की। कार्यक्रम का संचालन शरद तैलंग ने किया।
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