विशाखपटनम की स्थानीय हिन्दी साहित्य संस्थात ‘सृजन’ ने डाबा गार्डेन्स स्थित पवन एनक्लेव में वर्षा ऋतु और प्रकृति पर केंद्रित पावस कवि गोष्ठी का आयोजन किया। सृजन के अध्यक्ष नीरव कुमार वर्मा ने अध्यक्षता की और कार्यक्रम का संचालन सृजन के सचिव डॉ टी महादेव राव ने किया।
स्वागत भाषण करते हुए डॉ टी महादेव राव ने संस्था की गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया और पावस कविगोष्ठी कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। वर्षा, वर्षाऋतु और प्रकृति में वर्षा के कारण होने वाले परिवर्तनों से प्रभावित होकर कवि लिखने के लिये प्रेरित होता है और ऐसे उत्साही और उल्लास भरे माहौल में नये कवियों और वरिष्ठ रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन सृजन करता आ रहा है। इससे न केवल नई रचनाओं का जन्म होता है बल्कि हमारा हिन्दी साहित्य भी नये सौंदर्य से अलंकृत होता है।
सृजन के अध्यक्ष नीरव कुमार वर्मा ने कहा कि विगत आठ वर्षों से, साहित्य सृजन करने वाले कवियों और लेखकों को संबल प्रदान करने वाली संस्था, सृजन सही मार्गदर्शन कर रही है। सभी रचनाकार इस संस्था में आयेंगे और हम जो गुणवत्तापूर्ण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, उन्हें और अधिक स्तरीय बनाने में सहयोग करेंगे ऐसा मेरा विश्वास है। उन्होंने कहा साहित्य का अर्थ है समाज का हित चाहने वाला और कवि, लेखक समाज के प्रति अपने कर्तव्यों और दायित्वों के बारे में अधिक जागरूक होते हैं। आज के युग में समाज के हित में रचनाधर्मिता अपनाने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर हाल ही में हिन्दी शोध के लिये डाक्टनरेट उपाधि पाने वाले संस्था के संयुक्त सचिव एवं राष्ट्रीय स्तर के युवा अनुवादक, रचनाकार डॉ संतोष अलेक्स का संस्था द्वारा सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में विजयकुमार राजगोपाल, वेंकटलक्ष्मी, सीएच ईश्वर राव ने भी सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। संस्था के संयुक्त सचिव डॉ संतोष अलेक्स के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।
स्वागत भाषण करते हुए डॉ टी महादेव राव ने संस्था की गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया और पावस कविगोष्ठी कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। वर्षा, वर्षाऋतु और प्रकृति में वर्षा के कारण होने वाले परिवर्तनों से प्रभावित होकर कवि लिखने के लिये प्रेरित होता है और ऐसे उत्साही और उल्लास भरे माहौल में नये कवियों और वरिष्ठ रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन सृजन करता आ रहा है। इससे न केवल नई रचनाओं का जन्म होता है बल्कि हमारा हिन्दी साहित्य भी नये सौंदर्य से अलंकृत होता है।
सृजन के अध्यक्ष नीरव कुमार वर्मा ने कहा कि विगत आठ वर्षों से, साहित्य सृजन करने वाले कवियों और लेखकों को संबल प्रदान करने वाली संस्था, सृजन सही मार्गदर्शन कर रही है। सभी रचनाकार इस संस्था में आयेंगे और हम जो गुणवत्तापूर्ण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, उन्हें और अधिक स्तरीय बनाने में सहयोग करेंगे ऐसा मेरा विश्वास है। उन्होंने कहा साहित्य का अर्थ है समाज का हित चाहने वाला और कवि, लेखक समाज के प्रति अपने कर्तव्यों और दायित्वों के बारे में अधिक जागरूक होते हैं। आज के युग में समाज के हित में रचनाधर्मिता अपनाने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर हाल ही में हिन्दी शोध के लिये डाक्टनरेट उपाधि पाने वाले संस्था के संयुक्त सचिव एवं राष्ट्रीय स्तर के युवा अनुवादक, रचनाकार डॉ संतोष अलेक्स का संस्था द्वारा सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम में विजयकुमार राजगोपाल, वेंकटलक्ष्मी, सीएच ईश्वर राव ने भी सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। संस्था के संयुक्त सचिव डॉ संतोष अलेक्स के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।
1 टिप्पणी:
great job done by the team "srijan"
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