रविवार, 4 जुलाई 2010

कथाकार शेखर जोशी को मानिक दफ्तरी ज्ञानविभा ट्रस्ट का प्रथम चंद्रयान पुरस्कार


कोलकाता, हिंदी के लब्ध प्रतिष्ठित कथाकार शेखर जोशी को मानिक दफ्तरी ज्ञानविभा ट्रस्ट के प्रथम चंद्रयान पुरस्कार-२०१० से नवाजा जायेगा। ट्रस्ट की और से जारी विज्ञप्ति में प्रबंध न्यासी धनराज दफ्तरी ने यह जानकारी देते हुए बताया की नयी कहानी में सामाजिक सरोकारों का प्रतिबद्ध स्वर जोड़ने वाले श्री शेखर जोशी को पुरस्कार स्वरुप ३१,००० रुपये की राशि भेंट की जाएगी। पुरस्कार समोराह कोलकाता के भारतीय भाषा परिषद् में रविवार १८ जुलाई को आयोजित होगा। समारोह की अध्यक्षता भारतीय भाषा परिषद् के निदेशक डाक्टर विजय बहादुर सिंह करेंगे जबकि प्रसिद्द विद्वान डाक्टर शिवकुमार मिश्र, अहमदाबाद मुख्य वक्ता बतौर उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का सञ्चालन पूर्व सांसद सरला महेश्वरी करेंगी। इस अवसर पर शेखर जोशी की प्रचलित कहानी दाज्यू का पाठ पत्रकार प्रकाश चंडालिया करेंगे। कार्यक्रम की सफलता हेतु विमल वर्मा, श्रीहर्ष, अरुण महेश्वरी, विश्वनाथ चंडक, प्रीतम दफ्तरी सहित साहित्य जगत के कई गणमान्य जन सक्रिय हैं।

सितम्बर १९३२ में अल्मोड़ा जनपद के ओजिया गाँव में जन्मे श्री शेखर जोशी की प्रारंभिक शिक्षा अजमेर और देहरादून में हुयी। कथा लेखन को दायित्वपूर्ण कर्म मानने वाले जोशी हिंदी के सुपरिचित कथाकार हैं। उन्हें उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार-१९८७, साहित्य भूषण-१९९५ पहल सम्मान-१९९७ से सम्मानित किया जा चुका है। आपकी कहानियों का विभिन्न भारतीय भाषाओं के अलावा अंग्रेजी, चेक, रूसी, पोलिश और जापानी भाषाओँ में अनुवाद किया जा चुका है। कुछ कहानियों का मंचन और दाज्यू नमक कहानी पर बाल फिल्म सोसायटी द्वारा फिल्म का निर्माण किया गया है। आपकी प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ हैं- कोशी का घटवार, साथ के लोग, हलवाहा, नौरंगी बीमार है, मेरा पहाड़, प्रतिनिधि कहानियां और एक पेड़ की याद। दाज्यू, कोशी का घटवार, बदबू, मेंटल जैसी कहानियों ने न सिर्फ शेखर जोशी के प्रशाशंकों की लम्बी जमात खडी की बल्कि नयी कहानी की पहचान को भी अपने तरीके से प्रभावित किया है। पहाड़ी इलाकों की गरीबी, कठिन जीवन संघर्ष, उत्पीडन, यातना, प्रतिरोध, उम्मीद और नाउम्मीद्दी से भरे औद्योगिक मजदूरों के हालात, शहरी-कस्बाई और निम्नवर्ग के सामाजिक-नैतिक संकट, धर्म और जाती में जुडी घटक रूढ़ियाँ- ये सभी उनकी कहानियों का विषय रहे हैं।

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