रविवार, 29 नवंबर 2009

सिरसा में अंतर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन सम्पन्न


सिरसा (हरियाणा)। श्री युवक साहित्य सदन में गत दिवस हरियाणा साहित्य अकादमी के सहयोग अकादमी के सहयोग से अंतर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब व उत्तर प्रदेश के सुप्रसिद्ध लघुकथाकारों ने भाग लिया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में श्री भगीरथ (कोटा)को माता शरबती देवी सम्मान, डॉ. बलदेव सिंह खैरा को चौ. मोहर सिंह काम्बोज सम्मान, श्रीमती कृष्णलता यादव गुड़गाँव को श्रीमती रक्षा शर्मा 'कमल'सम्मान व श्रीमती अंजु दुआ जैमिनी को 'माता महादेवी कौशिक' सम्मान प्रदान किया गया। आलेख प्रस्तुति में डॉ. कुलदीप सिंह 'दीप' ने 'बड़े लेखकों से लघुकथा के गुण सीखने का प्रयास' व डॉ. रामकुमार घोटड़ ने 'लघुकथा: काल विभाजन' विषय पर अपने विचार रखे। इसके बाद इन पर डॉ. अनूप सिंह, डॉ. अशोक भाटिया, पूरन मुद्गल व रामेश्वर काम्बोज 'हिमाशु' ने पढ़े गए आलेखों पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर चार पुस्तकों (मिन्नी कहाणी लेखकां नाल कुझ खरियाँ-खरियाँ-डॉ अनूप सिंह, लघुकथा- विमर्श- डॉ. रामकुमार घोटड़, पंजाबी मिन्नी त्रैमासिक का हरिशकर परसाई विशेषांक, मौन पुकार- रामकुमार गहलावत) का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. आर. एस सांगवान ने देशभर से आए लघुकथाकारों के जमावड़े को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि लघुकथा विद्या आज समय की ज़रूरत है क्योंकि यह थोड़े शब्दों में ही बहुत कुछ कह जाती है। हरियाणा साहित्य अकादमी पंचकूला की नवनियुक्त निदेशक डॉ. मुक्ता ने अपने संदेश में कहा कि साहित्य की अन्य विधाओं की तरह आज लघुकथा का भी अपना विशिष्ट स्थान है। जापानी, जर्मनी, पंजाबी व अंग्रेज़ी भाषाओं में हिन्दी लघुकथाओं का अनुवाद व शोध कार्य किया जा रहा है। उन्होंने साहित्य के माध्यम से राष्ट्रीय एकता एवं सद्भावना के विकास पर बल दिया ताकि नवचेतना का संचार हो सके व विकृत मनोवृत्तियों के स्थान पर स्वस्थ दृष्टिकोण पनप सके।

अध्यक्ष मंडल में उपस्थित डॉ. अनूप सिंह, सुखबीर सिंह जैन व सुकेश साहनी ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे और लघुकथा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में पंजाबी त्रैमासिक मिन्नी संस्था के श्याम सुंदर अग्रवाल, डॉ. श्याम सुंदर 'दीप्ति' व विक्रमजीत सिंह नूर ने जुगनुआँ दे अंग–संग कार्यक्रम का संचालन किया। जिसमें उपस्थित लघुकथाकारों ने अपनी एक–एक लघुकथा का पाठ किया व प्रत्येक लघुकथा पर डॉ. अशोक भाटिया, सुकेश साहनी, निरंजन बोहा, कुलदीप सिंह दीप, नायब सिंह, डा. अनूप सिंह आदि ने चर्चा व समीक्षा की। सिरसा के पूरन मुद्गल, डॉ. रूप देवगुण, सुखचैन सिंह भंडारी, डॉ. शील कौशिक, सत्य प्रकाश भारद्वाज, हरीश सेठी, श्रीमती प्रेम भटनागर, ने भी लघुकथा का पाठ किया। मंच संचालन हरियाण लेखिका मंच की अध्यक्षा डॉ. शील कौशिक ने किया।

प्रस्तुति- डॉ शील कौशिक

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