रविवार, 25 जनवरी 2009
राष्ट्र-किंकर का वार्षिकोत्सव संपन्न
नई दिल्ली, मकर संक्रांति के अवसर पर साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था राष्ट्र-किंकर(पंजी) का पाँचवा वार्षिकोत्सव कमल मॉडल स्कूल, मोहन गार्डन में आयोजित किया गया। देश के विभिन्न भागों से आए तथा दिल्ली भर से पधारें संस्कृति-प्रेमियों ने दीप यज्ञ, हास्य कवि प्रतियोगिता के पश्चात आयोजित 'संस्कृति-सम्मान-२००८' में अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाई। पिछले अनेक वर्षों से लगातार मकर-संक्रांति के अवसर पर आयोजित होने वाले गरिमामय समारोह में राष्ट्र-किंकर संस्कृति, साहित्य, सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाली विभूतियों को संस्कृति-सम्मान प्रदान किए जाते हैं।
मुख्य अतिथि पदमविभूषण डॉ. सोनल मानसिंह एवं राष्ट्र-किंकर संपादक विनोद बब्बर ने देववाणी संस्कृत के प्रचार-प्रसार में लगे डॉ. कीर्तिकांत शर्मा, बेटी बचाओं आंदोलन के लिए धर्मेंद्र कुमार, ग़ज़ल सम्राट भगवान दास ऐजाज़, विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ के डॉ. देवेन्द्रनाथ साह, अध्यात्म प्रेमी लेखिका निर्मल वालिया, सेवा भारती के कृष्णलाल वानप्रस्थी, मंझोले समाचार पत्रों के हितो के लिए संघर्षरत एवं भारतीय प्रैस परिषद के सदस्य रहें केशव चंद चंदोला, पत्रकार-साहित्यकार-समाजसेवी महेंद्र पाल काम्बोज तथा श्रीमती वंदना टंडन को नटराज की मूर्ति, शाल तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर संस्कृति संवर्द्धन में उनकी सेवाओं के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
इस अवसर पर शालीन हास्य को बढ़ावा देने के लिए लगातार दूसरे वर्ष आयोजित द्वितीय अखिल भारतीय हास्य कवि प्रतियोगिता का फाइनल दौर भी हुआ। प्रथम पुरस्कार अहमदाबाद के सम्पत लोहार, द्वितीय मंडला(म.प्र.) की डॉ. नीलम खरे, तृतीय डॉ. शमीम देवबंदी को प्रदान किया गया। इनके अतिरिक्त डॉ. शरदनारायण खरे, राम किशोर गौतम, बेदिल इंदौरी, आलोकेश्वर चबराल, कैलाश जोशी, सादिक देवबंदी, चाँद अंसारी, डॉ. कृष्णनारायण पाण्डे, बदरी जोशी को हास्यश्री की उपाधि से नवाज़ा गया। विजेताओं को डॉ. सोनल मानसिंह एवं राष्ट्र-किंकर के अध्यक्ष हरिकिशन चावला ने नकद राशि, नटराज की शानदार ट्राफी, प्रमाण-पत्र एवं सद्साहित्य भेंट किया गया।
इससे पूर्व डॉ. सोनल मानसिंह ने विनोद बब्बर के नवीनतम व्यंग्य-संग्रह 'ज्येष्ठ में बसंत' (नवशिला प्रकाशन) का विमोचन एवं राष्ट्र-किंकर की वेबसाइट www.rashtrakinkar.org का लोकार्पण भी किया। सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ. रमाशंकर श्रीवास्तव ने ज्येष्ठ में बसंत पर चर्चा करते हुए कुछ पंक्तियों को उद्धृत किया।
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1 टिप्पणी:
acha pryas hai
meri hardik shubh kamnaeny
kmlgt
ASR
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