शनिवार, ११ जून की शाम संस्कारधानी के तरंग प्रेक्षागृह में जबलपुर रत्न का आयोजन हुआ। इससे पहले शुक्रवार को निर्णायक मंडल जनता के वोटों की रोशनी में रत्नों और जबलपुर रत्न के नाम की घोषणी की, जिसे ११ जून को जबलपुर संस्कारधानी के तरंग प्रेक्षा गृह के सजे-धजे मंच पर विधिवत उजागर किया गया।
गरिमामय कार्यक्रम में सभी रत्नों को प्रशस्ति पत्र व ट्रॉफी प्रदानकर उनका मान ब़ढ़ाया गया। उनके व्यक्तित्व-कृतित्व का कीर्तिगान, संक्षिप्त जीवन वृत्त व उनकी उल्लेखनीय सेवाओं का भी जिक्र किया गया। शहर की ये वे अभिनंदित विभूतियाँ हैं जिन्होंने अपने विशिष्ट कार्यक्षेत्र में जोश, जज्बे और जुनून द्वारा एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। पाठकों के मतदान व निर्णायक मंडल की कसौटी पर श्रेष्ठ साबित होने वाले जाने माने लोगों को विभिन्न श्रेणी के रत्नों से विभूषित किया गया। कार्यक्रम में गीत-संगीत की यादगार प्रस्तुतियों ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। विभिन्न श्रेणियों के नामांकितों में से विजेताओं के नामों की घोषणा के दौरान जब जिज्ञासा का सैलाब उमड़ रहा था तभी साहित्य रत्न के रूप में विजय तिवारी 'किसलय' के नाम की प्रथम घोषणा होते ही पूरा तरंग प्रेक्षागृह हर्षोल्लास और तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। मंचासीन मध्य प्रदेश के विधानसभाध्यक्ष श्री ईश्वर दास रोहाणी, आई जी मधु कुमार जी, महापौर प्रभात साहू, विधायक हरेन्द्र जीत सिंह बब्बू, शिक्षाविद डेविस जार्ज, वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्श मुनि त्रिवेदी सहित नई दुनिया के वरिष्ठ संपादकों द्वारा विजय तिवारी 'किसलय' को नई दुनिया ट्राफी एवं प्रशस्ति पत्र भेंट कर " साहित्य रत्न-२०११ " से सम्मानित किया गया।
२८ लाख की आबादी वाले शहर जबलपुर में श्री किसलय को साहित्य रत्न से अलंकृत किया जाना ब्लॉग जगत के लिए अत्यंत गौरव की बात है।
1 टिप्पणी:
आपको बहुत बहुत बधाई...
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