प्रख्यात हिन्दी व्यंग्यकार और साहित्याकार-ब्लॉगर अविनाश वाचस्परति को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने हिन्दी साहित्य सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। अविनाश वाचस्पति को यह सम्मान राजभाषा पुरस्कार वितरण समारोह में माननीय सचिव प्रदान करेंगे। उन्हें यह सम्मान हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में किए जा रहे योगदान के लिए दिया जा रहा है। पत्र सूचना कार्यालय के शास्त्रीन भवन, नई दिल्लीक में स्थित सम्मेएलन कक्ष में वर्ष २००८ - २००९ के लिए पुरस्का्रों का वितरण बुधवार दिनांक १५ दिसम्बर २०१० को किया जायेगा।
अंतर्जाल पर हिन्दी के लिए किया गया उनका कार्य किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वे सामूहिक वेबसाइट नुक्कड़ के मॉडरेटर हैं, जिससे विश्व भर के एक सौ प्रतिष्ठित हिन्दी लेखक जुड़े हुए हैं। इसके अतिरिक्त उनके ब्लॉग पिताजी, बगीची, झकाझक टाइम्सत, तेताला अंतर्जाल जगत में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं। उन्हें देश भर में नेशनल और इंटरनेशनल ब्लॉगगर सम्मेलन आयोजन कराने का श्रेय दिया जाता है। मुंबई, दिल्ली, जयपुर, आगरा इत्यानदि शहरों में कराए गए उनके आयोजन अविस्मरणीय और हिन्दी के प्रचार/प्रसार में सहायक बने हैं। इंटरनेट पर हिन्दी के उनके निस्वार्थ सेवाभाव के कारण विश्वभर में उनके करोड़ों प्रशंसक मौजूद हैं।
अविनाश वाचस्पति ने भारतीय जन संचार संस्थान से 'संचार परिचय', तथा ‘हिंदी पत्रकारिता पाठ्यक्रम’ में प्रशिक्षण लिया है। व्यंग्य, कविता एवं फ़िल्म लेखन उनकी प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। सैंकड़ों पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। जिनमें नवभारत टाइम्स, हिन्दुस्तान, जनसत्ता, भास्कर, नई दुनिया, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, सन्मार्ग, हरिभूमि, अहा जिंदगी, स्क्रीनवर्ल्ड, मिलाप, वीर अर्जुन, डीएलए, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, व्यंग्ययात्रा, आई नैक्स्ट, गगनांचल इत्यादि और जयपुर की अहा जिंदगी मासिक उल्लेीखनीय हैं। वे सोपानस्टेप मासिक और डीएलए दैनिक में नियमित रूप से व्यंग्य स्तंभ लिख रहे हैं। उन्होंने वर्ष २००८, २००९ और वर्ष २०१० में यमुनानगर, हरियाणा में आयोजित हरियाणा अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में फिल्मोत्सव समाचार का तकनीकी संपादन किया है।
हरियाणवी फ़ीचर फ़िल्मों 'गुलाबो', 'छोटी साली' और 'ज़र, जोरू और ज़मीन' में प्रचार और जन-संपर्क तथा नेत्रदान पर बनी हिंदी टेली फ़िल्म 'ज्योति संकल्प' में सहायक निर्देशन किया है। राष्ट्रभाषा नव-साहित्यकार परिषद और हरियाणवी फ़िल्म विकास परिषद के संस्थापकों में से एक। सामयिक साहित्यकार संगठन, दिल्ली तथा साहित्य कला भारती, दिल्ली में उपाध्यक्ष। केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद के आजीवन सदस्यि। 'साहित्यालंकार' , 'साहित्य दीप' उपाधियों और राष्ट्रीय हिंदी सेवी सहस्त्राब्दी सम्मान' तथा ‘कविता शिल्पील पुरस्कापर’ से सम्मानित। 'शहर में हैं सभी अंधे' स्वारचित काव्य रचनाओं का संकलन हिन्दीप अकादमी, दिल्लीक के सौजन्य से प्रकाशित हुआ है। काव्य संकलन 'तेताला' तथा 'नवें दशक के प्रगतिशील कवि’ कविता संकलन का संपादन किया है।
उन्हें वर्ष २००९ के लिए हास्य-व्यंग्य श्रेणी में ‘संवाद सम्मान’ भी दिया गया है। ‘लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान’ के अंतर्गत २०१० में वर्ष के ‘श्रेष्ठ व्यंग्यकार सम्मान’ अगले वर्ष लखनऊ में आयोजित एक भव्या समारोह में प्रदान किया जाएगा।
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