दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय पूर्वज साहित्यकारों की समृद्ध विरासत को सहेजने का एक विनम्र एवं गैरसरकारी प्रयास है। इस संग्रहालय में अनेक प्रख्यात एवं कालजयी साहित्यकारों की धरोहर संग्रहीत और सुरक्षित की जा रही है। संग्रहालय द्वारा प्रतिवर्ष भाषा और रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न पत्रिकाओं को पुरस्कृत किये जाने का सिलसिला आरम्भ किया गया है। इस शृंखला में अब तक अनेक पत्र-पत्रिकाओं एवं संस्थाओं को पुरस्कृत किया जा चुका है।
इस वर्ष चयन समिति ने विश्व हिन्दी न्यास की पत्रिका ‘हिन्दी जगत’ को विद्यनिवास मिश्र पुरस्कार के लिए चुना है। संग्रहालय के स्थापना दिवस ३० दिसम्बर २०१० को भोपाल में आयोजित एक गरिमामय समारोह में पत्रिका के सम्पादक , प्रसिद्द कवि एवं वर्त्तमान में टोकियो विश्व विद्यालय , जापान में हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रोफ़ेसर . डा सुरेश ऋतुपर्ण को शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा।
इस वर्ष चयन समिति ने विश्व हिन्दी न्यास की पत्रिका ‘हिन्दी जगत’ को विद्यनिवास मिश्र पुरस्कार के लिए चुना है। संग्रहालय के स्थापना दिवस ३० दिसम्बर २०१० को भोपाल में आयोजित एक गरिमामय समारोह में पत्रिका के सम्पादक , प्रसिद्द कवि एवं वर्त्तमान में टोकियो विश्व विद्यालय , जापान में हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रोफ़ेसर . डा सुरेश ऋतुपर्ण को शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें