रविवार, 21 फ़रवरी 2010

'प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान' द्वारा त्रैमासिक पत्रिका 'पांडुलिपि' का प्रकाशन

प्रमोद वर्मा जैसे हिन्दी के प्रखर आलोचक की दृष्टि पर विश्वास रखनेवाले, मानवीय और बौद्धिक संवेदना के साथ मनुष्यता के उत्थान के लिए क्रियाशील छत्तीसगढ़ राज्य के साहित्य और संस्कृतिकर्मियों की ग़ैर-राजनीतिक संस्था 'प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान' द्वारा जनवरी,२०१० से प्रकाश्य त्रैमासिक पत्रिका 'पांडुलिपि' हेतु आप जैसे विद्वान, चर्चित रचनाकार से रचनात्मक सहयोग का निवेदन करते हुए हमें अत्यंत प्रसन्नता हो रही है । हमें यह भी प्रसन्नता है कि 'पांडुलिपि' का संपादन 'साक्षात्कार' जैसी महत्वपूर्ण पत्रिका के पूर्व संपादक, हिंदी के सुपरिचित कवि, कथाकार एवं आलोचक श्री प्रभात त्रिपाठी करेंगे।

हम 'पांडुलिपि' को विशुद्धतः साहित्य, कला, संस्कृति, भाषा एवं विचार की पत्रिका के रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं। आपसे बस यही निवेदन है कि 'पांडुलिपि' को प्रेषित रचनाओं के किसी विचारधारा या वाद की अनुगामिता पर कोई परहेज़ नहीं किन्तु उसकी अंतिम कसौटी साहित्यिकता ही होगी। 'पांडुलिपि' में साहित्य की सभी विधाओं के साथ साहित्येतर विमर्शों (समाज/ दर्शन/ चिंतन/ इतिहास/ प्रौद्योगिकी/ सिनेमा/ चित्रकला/ अर्थतंत्र आदि) को भी पर्याप्त स्थान मिलेगा है, जो मनुष्य, समाज, देश सहित समूची दुनिया की संवेदनात्मक समृद्धि के लिए आवश्यक है। भारतीय और भारतीयेतर भाषाओं में रचित साहित्य के अनुवाद का यहाँ स्वागत होगा। नए रचनाकारों की दृष्टि और सृष्टि के लिए 'पांडुलिपि' सदैव अग्रसर बनी रहेगी।

किसी संस्थान की पत्रिका होने के बावजूद भी 'पांडुलिपि' एक अव्यवसायिक लघुपत्रिका है, फिर भी हमारा प्रयास होगा कि प्रत्येक अंक बृहताकार पाठकों पहुँचे और इसके लिए आपका निरंतर रचनात्मक सहयोग एवं परामर्श वांछित है।

प्रवेशांक (जनवरी-मार्च, २०१०) हेतु आप अपनी महत्वपूर्ण व अप्रकाशित कथा, कविता (सभी छांदस विधाओं सहित), कहानी, उपन्यास अंश, आलोचनात्मक आलेख, संस्मरण, लघुकथा, निबंध, ललित निबंध, रिपोतार्ज, रेखाचित्र, साक्षात्कार, समीक्षा, अन्य विमर्शात्मक सामग्री आदि हमें २० फरवरी, २०१० के पूर्व भेज सकते हैं। कृति-समीक्षा हेतु कृति की २ प्रतियाँ अवश्य भेजें।

यदि आप किसी विषय-विशेष पर लिखना चाहते हैं तो आप श्री प्रभात त्रिपाठी से (मोबाइल - ०९४२४१८३४२७) चर्चा कर सकते हैं। आप फिलहाल समय की कमी से जूझ रहे हैं तो बाद में भी आगामी किसी अंक के लिए अपनी रचना भेज सकते हैं। हमें विश्वास है - रचनात्मक कार्य को आपका सहयोग मिलेगा। रचना भेजने का पता - जयप्रकाश मानस, कार्यकारी संपादक, एफ-३, छगमाशिम, आवासीय परिसर, छत्तीसगढ़ - ४९२००१। मोबाइल - ९४२४१८२६६४,
ई-मेल- pandulipipatrika@gmail.com

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