प्रख्यात विचारक और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव श्री गोविंदाचार्य ने राष्ट्रीय राजनीति में आ रही गिरावट पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि सार्वजनिक जीवन में साख की बड़ी भूमिका होती है। राजनीति में बदलाव की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए नए ढाँचे, नए औज़ार और नए लड़ाके वक्त की ज़रूरत है। सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों को कटघरे में घेरते हुए श्री गोविंदाचार्य ने कहा कि देश के समक्ष राष्ट्रीय सग्प्रभुता एवं महंगाई सहित तमाम ज्वलंत चुनौतियाँ हैं। पर इन पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही मौन धारण किए हुए हैं। उन्होंने दोनों पक्षों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए मीडिया को भी कटघरे में खड़ा किया। दिवंगत पत्रकार कंचना की याद में आयोजित छठी कंचना स्मृति व्याख्यानमाला तथा पुरस्कार समारोह में लोकतंत्र एवं पत्रकारिता को कैसे बचाया जाए? विषय पर बोलते हुए श्री गोविंदाचार्य ने कई अहं सवालों को उठाया।
कार्यक्रम को अध्यक्षता कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सोमपाल शास्त्री ने कहा कि राजनीति का जन्म ही टकराव से होता है।
वरिष्ठ पत्रकार और सी.एन.ई.बी. चैनल के प्रमुख श्री राहुल देव ने इस अवसर पर कहा कि मीडिया को बाज़ारीकरण से नहीं बाज़ारू होने से बचाया जा सकता है। वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह ने अब तक आयोजित कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि कंचना ऐसी पत्रकार थीं जिनको सामाजिक सरोकारों के लिए निजी इच्छा या हित का कभी कोई ध्यान भी नहीं आता था। वे काम के प्रति ईमानदार और समर्पित थीं। आज कंचना हमारे बीच नहीं हैं पर अवधेश जी में हम वे सारी खूबियाँ देखते हैं। वे भी सामाजिक सरोकारों के प्रति समर्पित हैं। यह कार्यक्रम बिना किसी आर्थिक मदद या प्रचार के तामझाम के हो रहा है। इस अवसर पर विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता श्री विजय कुमार सिंह को कंचना स्मारक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनका जीवन परिचय वरिष्ठ पत्रकार श्री वीरेंद्र मिश्र ने पढ़ा।
श्री विजय कुमार विख्यात शांति कार्यकर्ता तथा अखिल भारतीय शांति सेना के संगठनकर्ता हैं। वे बीते कई वर्षों से बनारस, सारनाथ तथा आसपास के जिलों के ग्रामीण इलाकों में अखिल भारतीय शांति सेना तथा लोक चेतना मंच के तत्वावधान में अहिंसक ग्राम स्वावलंबन का व्यावहारिक प्रयोग कर रहे हैं। श्री विजय भाई देश के विभिन्न क्षेत्रों में अब तक करीब १० युवा शक्ति और शांति कैंप लगा चुके हैं और सांप्रदायिक सौहार्द्र तथा तमाम विवादों और तनावों को दूर करने का भी प्रयास किया है। वे भूदान तथा अन्य भूमि सुधार कार्यक्रमों से भी बहुत गहराई से जुड़े हैं और स्वास्थ्य तथा योग प्रशिक्षक भी हैं। महिला सशक्तिकरण के साथ विजय भाई ने प्राथमिक शिक्षा पर अनुसंधान और मूल्यांकन भी किया है। इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रामकृपाल सिन्हा, जानेमाने गांधीवादी डॉ. राम जी प्रसाद सिंह, उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री श्री. बालेश्वर त्यागी, राजघाट के सचिव श्री रजनीश कुमार, पूर्व विधान परिषद सदस्य श्री रामाशीष राय, बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महाचंद्र सिंह, वरिष्ठ पत्रकार देवदत्त, प्रबाल मैत्र, अरविंद मोहन, अजय कुमार, जवाहर लाल कौल, बनारसी सिंह, अरुण खरे, जयप्रकाश त्रिपाठी, अमिताभ, उमेश चतुर्वेदी, कैलाश जी सहित तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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