शनिवार, 25 अप्रैल 2009

नॉर्थ केरोलिना विश्वविद्यालय, यू.एस.ए. द्वारा संस्कृत और जैन धर्म की शिक्षा इन्टर्नेट पर


डा. पंकज जैन अगस्त २००९ से हिंदी, संस्कृत और जैन धर्म के नये कोर्स नॉर्थ केरोलिना विश्वविद्यालय, यू।एस।ए। में पढाएँगे जहाँ वे अगस्त २००८ से विदेशी भाषा तथा साहित्य के विभाग में कार्यरत हैं। ये विषय इन्टर्नेट पर भी उपलब्ध होंगे ताकि विश्व में कहीं से भी इन्हें पढा जा सके। इससे पूर्व वे न्यू जर्सी में भी हिंदी, संस्कृत तथा अन्य भारतीय विषय पढा चुके हैं, जब वे अपनी पी.एच.डी. पूरी कर रहे थे। अमेरिका में कम्प्यूटर इन्जीनियर की तरह आए डॉ. जैन ने अपना कार्यक्षेत्र बदलकर पहले कोलम्बिया विश्वविद्यालय से भारतीय धर्म व संस्कृत में स्नातकोत्तर, फिर आयोवा से २००८ में पी.एच.डी. प्राप्त की। वर्तमान में, वे नॉर्थ केरोलिना विश्वविद्यालय में प्राथमिक हिंदी, हिंदी फ़िल्में, हिन्दू धर्म तथा हिंदी-उर्दू साहित्य पढ़ा रहे हैं। डा. पंकज जैन के अनुसार, “भारत और चीन के प्रति आजकल बहुत रुचि बढ रही है। भारत की आर्थिक तथा तकनीकी प्रगति, योग, तथा हिंदी फ़िल्मों के कारण भारतीय विषयों में विद्यार्थियों की संख्या पहले से कहीं ज़्यादा है।”

उनके जैन धर्म के पाठ्यक्रम का नाम है: “महावीर से महात्मा गांधी तक: भारत की अहिंसक जैन परम्पराएँ”। इसमें जैन इतिहास, पूजा पद्धतियाँ, जैन दर्शन तथा कर्म सिद्धान्त, जैन समाज, गांधीजी, डा. मार्टिन लूथर किंग तथा अहिंसा का समसामयिक महत्त्व आदि पढाया जायेगा। संस्कृत के कोर्स में वर्णमाला से लेकर संज्ञा, धातु, लकार, प्रत्यय, उपसर्ग, सन्धि, समास तथा व्याकरण के अन्य सिद्धान्त पढाये जायेंगे। रामायण की कथा भी सम्मिलित की जायेगी। डा. जैन के अनुसार, “संस्कृत, ग्रीक, तथा लैटिन प्राचीनतम इंडो-यूरोपीय भाषाएँ कही जाती है, तीनों में अनेक समानताएँ है तथा उनका तुलनात्मक अध्ययन विशेषकर लाभप्रद होगा।” पंकज का जन्म राजस्थान में हुआ था तथा वे कर्नाटक, मुम्बई तथा हैदराबाद में भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी सोनिया एक चित्रकार हैं तथा भारतीय कला प्रदर्शनी तथा दीर्घा चलाती हैं। उनके दो पुत्र हैं। हिंदी, संस्कृत और जैन धर्म के नये कोर्स उनकी वेब साइट पर उपलब्ध हैं: www.IndicUniversity.org

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