हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने ऊना जिला मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में हिमाचल साहित्य अकादमी से सम्मानित साहित्यकार गुरमीत बेदी के व्यंग्य संग्रह 'खबरदार जो व्यंग्य लिखा' का विमोचन किया। इस संग्रह की भूमिका देश के तीन शीर्षस्थ व्यंग्यकारों- गोपाल चतुर्वेदी, प्रेम जनमेजय और सुभाष चन्द्र ने लिखी है और दिल्ली के एक प्रमुख प्रकाशन संस्थान ने इसका प्रकाशन किया है। इस व्यंग्य संग्रह में गुरमीत बेदी के ७८ व्यंग्य लेख संग्रहित हैं जो देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित व चर्चित हो चुके हैं। 'इसलिए हम हंसते हैं' और 'नाक का सवाल' व्यंग्य संग्रहों के बाद गुरमीत बेदी की व्यंग्य की यह तीसरी पुस्तक है। उनकी कविता, कहानी व शोध की एक-एक पुस्तक के अलावा तीन उपन्यास धारावाहिक रूप से प्रकाशित हो चुके हैं। उनके दूसरे व्यंग्य संग्रह नाक को सवाल को कनाडा की विरसा संस्था पुरस्कृत कर चुकी है। बेदी को कविता संग्रह- मौसम का तकाजा के लिए १९९४ में हिमाचल साहित्य अकादमी का अवार्ड भी मिल चुका है। उनके व्यंग्य लेखों का अनुवाद पंजाबी, तेलगू, मराठी व गुजराती भाषा सहित कई भाषाओं में हुआ है एवं कविता व कहानी संग्रहों पर दो विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एम.फिल भी कर चुके हैं। गुरमीत बेदी हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला में जिला लोक संपर्क अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।
पुस्तक की भूमिका में देश के शीर्षस्थ व्यंग्यकार गोपाल चतुर्वेदी ने लिखा है- 'गुरमीत के लेखन में मुझे जो सबसे अधिक प्रभावित करता है, वह है इनका व्यंग्य का अनूठा अंदाज। प्रतिष्ठित व्यंग्यकार प्रेम जनमेजय ने इस व्यंग्य संग्रह पर अपनी टिप्पणी दर्ज करते हुए लिखा है- 'गुरमीत बेदी दांतों के बीच जिह्ना समान व्यवस्था के बीच रहते हुए भी अपनी जिह्ना को लोकतांत्रिक प्रहार से युक्त किए हुए हैं... व्यवस्थागत विसंगतियों के विरुद्ध खतरनाक व्यंग्य लिखने का उनका साहस मंद नहीं पड़ा है।' विमोचन समारोह में मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि गुरमीत बेदी ने अपने साहित्यिक लेखन से समूचे उत्तरी भारत में अपनी पहचान बनाई है और प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य संसदीय सचिव सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और विचारात्मक व्यंग्यों से भरपूर गुरमीत बेदी का यह व्यंग्य संकलन उनकी शुद्ध सात्विक व्यंग्य चेतना का परिचायक है।
विमोचन समारोह में, मुख्य संसदीय सचिव वीरेन्द्र कंवर, गगरेट के विधायक प्रवीण शर्मा, प्रदेश जल प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा, डीसी के.आर. भारती सहित अनेक साहित्यकार, लेखक , रंगकर्मी व बुद्धिजीवी उपस्थित थे। पुस्तक का प्रकाशन 'भावना प्रकाशन , १०९-ए, पटपड़गंज, दिल्ली- ११००९१' ने किया है। आकर्षक छपाईयुक्त पृष्ठ की इस पुस्तक का मूल्य ३०० रूपए है।
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