सोमवार, 31 मई 2010

मीना चोपड़ा के कविता पाठ से "साउथ एशियन हेरिटेज मास" का आरम्भ


२ मई, २०१० को ब्रैम्पटन लाइब्रेरी का साउथ एशियन हेरिटेज मास का आरम्भ साउथ फ्लैचर शाखा में बहुत धूम-धाम से हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य दक्षिण एशिया से आए अप्रवासियों की पुस्तकालय प्रणाली में रुचि बढ़ाना और इसके बारे में जानकारी देना है। इस महीने इस सिस्टम के सभी पुस्तकालयों में बच्चों के लिए बारी बारी से द्विभाषी पुस्तक पाठ, कहानियाँ और गीतों का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर मिसिसागा की कवयित्री, चित्रकार और शिक्षक मीना चोपड़ा को, जो हिन्दी और अंग्रेज़ी; दोनों भाषाओं में रचना करती हैं, उनकी पुस्तक "सुबह का सूरज अब मेरा नहीं है" के लोकार्पण और कविता पाठ के लिए बुलाया गया। पुस्तक के विमोचन के लिए ब्रैम्पटन की मेयर सूज़न फैनल आई थीं। कार्यक्रम दो बजे के बाद आरम्भ हुआ। ब्रैम्पटन लाइब्रेरी की बहुसांस्कृतिक सेवाओं की संयोजिका सरला उत्तांगी ने सभी का स्वागत किया और ब्रैम्पटन लाइब्रेरी सिस्टम की चेयर पर्सन जैनिस ऑड को आमंत्रित किया। जैनिस ने लाइब्रेरी में अन्य भाषाओं की पुस्तकों की चर्चा करते हुए बताया कि पिछले कुछ वर्षों में ब्रैम्पटन की लाइब्रेरियाँ किस तरह से बदल गई हैं। उन्होंने ब्रैम्पटन की मेयर को पुस्तक के लोकार्पण के लिए आमंत्रित किया। विमोचन के बाद मीना चोपड़ा ने अपनी पुस्तक में से कुछ रचनाएँ सुनाईं।


उनके बाद मलिस्सा भगत, जो कैनेडा के सिटिज़िनशिप और मल्टीकल्चरल मंत्री जेसन कैनी की वरिष्ठ सलाहकार हैं, ने मीना जी के लिए जेसन कैनी का संदेश पढ़ा। मलिस्सा भगत ने ब्रैम्पटन के इलाके के भविष्य के कंज़र्वेटिव दल के प्रत्याशी कायल को मंच पर बुलाया और उन्होंने भी मीना जी को बधाई दी। इसके बाद सुमन कुमार घई, जिन्होंने पुस्तक के लिप्यांतरण में भी सहयोग दिया है, ने लिप्यांतरण के महत्व को बताते हुए समझाया और पुस्तक की समीक्षा भी की। कार्यक्रम की अगली वक्ता थीं उर्दू की शायरा नसीम सैय्यद। उन्होंने बहुत ही ख़ूबसूरत ढंग से मीना की काव्य शैली की चर्चा करते हुए मीना की चित्रकला से मिलाया और कहा कि मीना आम कवियों से हटकर शब्दों का कम इस्तेमाल करते हुए बहुत कुछ कह जाती है। मीना चोपड़ा की दूसरी पुस्तक इग्नाईटिड लाईन्ज़ की चर्चा करने के लिए इंग्लिश की कवयित्री सास्किया मैडॉक को आमंत्रित किया गया। सास्किया ने मीना की कविता और अपनी कविताओं की एक ही शैली की रचनाएँ कहा और उदाहरण के लिए अपनी एक कविता सुनाई।

इस क्रम के बाद मीना जी ने अपनी पुस्तक की कुछ कविताओं का पाठ किया और श्रोताओं को प्रश्नोत्तर सत्र के लिए आमन्त्रित किया। अंत में मीना जी की बेटी ताबीर विरदी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सभा का विसर्जन करते हुए साउथ फ्लैचर शाखा की मैनेजर लिज़ा लिप्सन ने सभी का धन्यवाद किया और बताया कि मीना चोपड़ा की पुस्तकें अब लाइब्रेरी में उपलब्ध हैं। मीना को इस वर्ष मिसिसागा के प्रतिष्ठित मार्टी पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया है।

--सुमन घई

1 टिप्पणी:

कडुवासच ने कहा…

... bahut sundar !!!