२६ जनवरी २०१० को भारतीय गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर भारतीय दूतावास ओस्लो में भारतीय राजदूत बोन्बित ए राय जी को भारतीय-नार्वेजीय सूचना और सांस्कृतिक फोरम की ओर से भारतीय दूतावास द्वारा की जा रही सेवाओं के लिए दिया गया। इस सम्मान में भारतीय राजदूत बोन्बित ए राय जी को उन्हें पदक और सम्मानपत्र संस्था के अध्यक्ष सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' ने प्रदान किया।
१० फरवरी को ओस्लो के वाइतवेत सेंटर में नार्वेजीय लेबर पार्टी के नेता और क्षेत्रीय मेयर (बीरोद्स्लेदर) थूर स्ताइन विन्गेर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस लेखक गोष्ठी में नार्वेजीय, हिंदी और पंजाबी भाषा में कवितापाठ किया गया। कविता पाठ करने वालों में इंगेर मारिये लिल्लेएन्गेन, राज कुमार भट्टी, इन्दरजीत पाल, राय भट्टी, नीलम, अलका भरत और अनुराग विद्यार्थी प्रमुख थे। १० फरवरी को लेखक सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' का ५६ वाँ जन्मदिन भी था। राय भट्टी ने अपनी कविता पढ़ते हुए कहा कि 'शरद आलोक जी' हुए हैं छप्पन पर अब भी है उनमें युवापन। इंदरजीत पाल ने कहा कि जिस साहित्यिक मशाल को गोष्ठियों और साहित्यिक कार्यक्रम के माध्यम से शरद आलोक ने ३० साल से ओस्लो नार्वे में जलाये रखी है और इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक कि शुरुआत भी लेखक गोष्ठी से हुई यह नार्वे में भारतीयों के लिए गर्व और इतिहास के लिए मील का पत्थर है।
जन्मदिन पर स्पाइल-दर्पण पत्रिका की बच्चों और युवा सेक्शन की संपादक और हिंदी स्कूल की संचालिका संगीता सीमोनसेन, दिव्या और वासुदेव भारत ने अपने विचार रखे और शुभकामनाएँ दी। भारतीय दूतावास और नार्वेजीय लेखक संघ कि तरफ से भी शुभकामनाएँ दी गईं।
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