पूर्वांचल एकता मंच द्वारा दिल्ली में आयोजित विश्व भोजपुरी सम्मेलन में उतर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस सांसद श्री जगदिम्बका पाल के हाथों भोजपुरी के प्रख्यात साहित्यकार मनोज भावुक के गीत संग्रह चलनी में पानी का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर फिल्म अभिनेता श्री शत्रुघ्न सिंहा, महुआ चैनल के चेयरमैन श्री पीके तिवारी, भोजपुरी सुरसम्राट मनोज तिवारी एवं लोकगायिका मालिनी अवस्थी जैसे लोग उपस्थित थे।
लोकार्पित पुस्तक की प्रशंसा करते हुए पूर्वांचल एकता मंच के अघ्यक्ष शिवजी सिंह ने कहा कि मनोज भावुक भोजपुरी के लोकप्रिय गजलकार एवं फिल्म समीक्षक है और इन्होंने अफ्रीका एवं ग्रेट ब्रिटेन आदि देशों में भोजपुरी का परचम लहराया है। इसलिए भोजपुरी साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट, बहुआयामी और बहुमुल्य योगदान के लिए इन्हें पूर्वाचल एकता मंच की ओर से भोजपुरी के अन्य शीर्ष कवियों के साथ डॉ प्रभुनाथ सिंह सम्मान से नवाजा गया।
विदित हो कि मनोज भावुक को उनके भोजपुरी गजल संग्रह 'तस्वीर जिन्दगी के' के लिए भी सन २००६ में भारतीय भाषा परिषद् सम्मान से सम्मानित किया गया था। उन्हें सम्मान प्रदान किया था ठुमरी साम्राज्ञी गिरिजा देवी एवं आस्कर अवार्ड से सम्मानित सिंने जगत के नामी गीतकार गुलजार ने। एक मात्र भोजपुरी साहित्यकार कों यह सम्मान प्राप्त है। चलनी में पानी भावुक का दोहा एवं गीत संग्रह है। पुस्तक की भूमिका में डॉ रमाशंकर श्रीवास्तव ने लिखा हैं कि यह जिन्दगी एक चलनी समान है। आदमी जिन्दगी भर इससे पानी उलीचता रह जाता है फिर भी आखिर में हासिल कुछ भी नहीं होता। नश्वरता दर्शन का ऐसा विम्ब साहित्य में दुर्लभ नहीं तो कम अवश्य है। चलनी में पानी सहज प्रयोग में भी गूढ़ दर्शन को व्यक्त करता है। भावुक ने एक दोहा में कहा है -
चलनी में पानी भरत बीतल उम्र तमाम
तबहू बा मन में भरम कइनी बहुते काम!
विश्व भोजपुरी सम्मेलन में उपस्थित लाखों दर्शकों ने तालियाँ बजाकर मनोज भावुक के इस लोकार्पित पुस्तक का स्वागत किया।
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