शनिवार, 28 मार्च 2009
व्यंग्यकार डॉ ज्ञान चतुर्वेदी को काव्य मधुबन का 'व्यंग्यश्री' सम्मान
कोटा, ७ मार्च २००९, साहित्यिक संस्था काव्य मधुबन द्वारा देश के प्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ ज्ञान चतुर्वेदी को एक भव्य समारोह में `व्यंग्यश्री' सम्मान प्रदान किया गया । यह सम्मान प्रति वर्ष किसी प्रतिष्ठित व्यंग्यकार को प्रदान किया जाता है। पूर्व में यह सम्मान डॉ हरीश नवल, बंकट बिहारी पागल, डॉ सूर्यबाला, विष्णु नागर, डॉ शेरजंग गर्ग तथा डॉ बालेन्दु शेखर तिवारी को दिया जा चुका है। होली के अवसर पर आयोजित अपने सालाना कार्यक्रम `फुहार' के दस वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में संस्था ने रोटरी क्लब के सहयोग से इस वर्ष `दो दिवसीय अखिल भारतीय व्यंग्य शिविर' का भी आयोजन किया जिसमें देश के अनेक लब्ध प्रतिष्ठित व्यंग्यकार शामिल हुए।
कार्यक्रम का उद्घाटन नई दुनिया संडे के संपादक विष्णु नागर ने किया। अध्यक्षता डॉ नरेन्द्र नाथ चतुर्वेदी ने की तथा विशिष्ट अतिथि उदयपुर से पधारे व्यंग्यकार डॉ देवेन्द्र `इन्द्रेश' थे। प्रथम सत्र में डॉ राजश्री गोहदकर द्वारा सरस्वती वन्दना प्रस्तुत किए जाने के पश्चात संस्था द्वारा संम्पादित व्यंग्य संकलन `व्यंग्योदय' का विमोचन किया गया जिसमें देश के लगभग ३० व्यंग्यकारों की रचनाएँ शामिल की गई हैं। कार्यक्रम का संचालन विजय जोशी ने किया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में हास्य व्यंग्य कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार रघुराज सिंह हाड़ा थे तथा अध्यक्षता समाजसेवी श्री जी डी पटेल ने की। इस कवि सम्मेलन में बृजेन्द्र कौशिक, अरविन्द सोरल, भगवती प्रसाद गौतम, महेन्द्र नेह, शून्याकांक्षी, प्रेम शास्त्री, हलीम आइना, डॉ देवेन्द्र `इन्द्रेश' शरद तैलंग, ओम नागर `अश्क' तथा आर स़ी श़र्मा `आरसी' ने अपनी रचनाओं सें श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। संचालन मुकुट मणिराज ने किया।
समारोह के दूसरे दिन तृतीय सत्र में `व्यंग्य के सामाजिक सरोकार' विषय पर डॉ गीता सक्सेना ने पत्र वाचन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व्यंग्यकार डॉ ज्ञान चतुर्वेदी थे तथा अध्यक्षता डॉ प्रेम जनमेजय ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ ओंकार नाथ चतुर्वेदी, विष्णु नागर एवं डॉ अजय अनुरागी थे। संचालन उषा झा ने किया । इसी सत्र में डॉ अजय अनुरागी के व्यंग्य संग्रह `दबाव की राजनीति' एवं कमलेश चौधरी की पुस्तक `किसमिस के अंगूरी ठाठ' का भी विमोचन किया गया। विजय जोशी तथा वीरेन्द्र विद्यार्थी ने पुस्तकों पर प्रकाश डाला। दो दिवसीय समारोह का समापन प्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ ज्ञान चतुर्वेदी को `व्यंग्यश्री' सम्मान प्रदान किए जाने के साथ हुआ। काव्य मधुबन संस्था की ओर से उन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न तथा शाल प्रदान किया गया। डॉ चतुर्वेदी ने अपनी दो हास्य व्यंग्य रचनाओं का पाठ भी किया। इससे पूर्व युवा ग़जल गायक रजब अली ने अपनी ग़जलों से सभाकक्ष को संगीतमय बना दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक करण सिंह राठौड़ थे तथा अध्यक्षता डॉ प्रेम जममेजय ने की। संचालन संस्था के सचिव अतुल चतुर्वेदी ने किया तथा संस्था के सचिव अशोक हावा ने आभार प्रदर्शन किया।
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