रविवार, 25 जनवरी 2009
इक्कीसवाँ अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन आयोजित
दिनांक-२३/११/ २००८, (रविवार) को 'बिहार राज्य माघ्यमिक शिक्षक संघ` के सभागार में अखिल भारतीय प्रगतिशील लघुकथा मंच के तत्वावधान में आयोजित इक्कीसवाँ अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन का सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इसका उद्घाटन सुप्रतिष्ठ साहित्यकार डॉ० सियाराम तिवारी, पूर्व विभागाघ्यक्ष, शान्तिनिकेतन, ने किया तथा अध्यक्षता संपादक एवं कथाकार कृष्णानन्द कृष्ण ने की।
सत्र के प्रारंभ डॉ० सियाराम तिवारी द्वारा वीणा-वादिनी के चित्र पर माल्यार्पण, सुश्री सरिता सिंह नेपाली के भजन गायन तथा श्री राजकुमार प्रेमी की भारत-वन्दना से हुआ। मंच के संयोजक प्रख्यात कथाकार डॉ० सतीशराज पुष्करणा ने देश के विभिन्न भागों से आये सुजनकर्मियों का स्वागत किया। लघुकथा के सर्वांगीण विकास में योगदान करने हेतु श्री नरेन्द्र प्रसाद नवीन (पटना) तथा डॉ० योगेन्द्रनाथ शुक्ल (इन्दौर) को उनके सद्य: प्रकाशित लघुकथा-संग्रह ''लघुकथाओं का पिटारा'' के लिए 'डॉ० परमेश्वर गोयल लघुकथा शिखर सम्मान तथा लघुकथा-समीक्षा के क्षेत्र में कार्य करने हेतु मंच के संयोजक प्रख्यात कथाकार डॉ० सतीशराज पुष्करणा को ''नागेन्द्र प्रसाद सिंह लघुकथा शोध-समीक्षा शिखर सम्मान'' एवं डॉ० पुष्पलता कष्यप (जोधपुर) को ''मंच-सम्मान'' से सम्मानित किया गया।
इसके साथ ही साहित्य की सेवा करने हेतु अखिल भारतीय हिन्दी प्रसार प्रतिष्ठान की ओर से जनवादी गीतकार नचिकेता (पटना) को उनकी सतत गीत-साधना के लिए ''गीत-रत्न'' तथा डॉ० परमेश्वर गोयल को उनके पचहत्तरवें जन्म दिन के अवसर पर सम्मानित किया गया। अन्य साहित्यिक सस्थाओं ''पीयूष साहित्य परिषद्'' एवं ''संभावना'' की ओर से डॉ० देवेन्द्र नाथ साह भागलपुर, डॉ० अमरनाथ चौध्री 'अब्ज`, बगोदर, श्री रा० प्र० अटल, जबलपुर, सुश्री सरिता सिंह नेपाली,पटना, श्रीमती स्वाति गोदर, बेगूसराय, श्री अरुणेन्द्र भारती, मुंगेर, डॉ० सिद्धेश्वर कश्यप, मधेपुरा, डॉ० मधुबाला वर्मा,पटना तथा नरेश पाण्डेय 'चकोर`,पटना को सम्मानित किया गया। इसके पश्चात् कई महत्वपूर्ण पुस्तकों एवं पत्रिकाओं के विशेषांकों का लोकार्पण कार्य सम्पन्न किया गया जिनमें प्रमुख थे ''जलेंगे दीप नये`` हायकू संग्रह, सं०-डॉ० सतीशराज पुष्करणा, पटना,,''टूटे हुए चेहरेै`` डॉ० देवेन्द्र नाथ शाह, लघुकथा-संग्रह, भागलपुर, ''विकलांग`` ;डॉ० अमरनाथ चौध्री 'अब्ज` ,लघुकथा-संग्रह ,झारखंड, ''आज का समाजवाद`` कृत नारायण प्यारा, पूर्णिया ''सागर के तिनके``अंकुश्री,राँची,झारखंड, ''असफल दाम्पत्य की लघुकथाएँ` `डॉ० केदार नाथ, मुजफफरपुर, ''मानवता के (डॉ० योगेन्द्र नाथशुक्ल को सम्मानित करते हुए डॉ सियाराम तिवारी) हत्यारे`` गणेश प्रसाद महतो, भागलपुर''युग-बोध``;सं०-डॉ० स्वर्ण किरण एवं डॉ. साधना कुमारी, नालंदा,''श्रेष्ठ अंगिका लघुकथाएँ'', डॉ. अरुणेन्द्र भारती, मुंगेर तथा ''सुभद्रा हरण'', केशव प्रसाद वर्मा, गीति नाटिका के अलावा 'समय सुरभि अनंत', सं.- नरेन्द्र कुमार सिंह, 'भोजपुरी सम्मेलन पत्रिका', सं.- प्रो. ब्रजकिशोर, तथा 'अंग माधुरी', सं.-नरेश पाण्डेय चकोर, 'अलका-मागधी', संपादक-अभिमन्यु प्रसाद मौर्य के लघुकथा विशेषांकों का लोकार्पण किया गया। महासचिव नरेन्द्र प्रसाद 'नवीन' ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इसके साथ ही प्रथम सत्र समाप्त हुआ।
दूसरे सत्र में ''लघुकथा का सामाजिक सरोकार और समस्याएँ'' पर केन्द्रित डॉ. उपेन्द्र प्रसाद राय तथा ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी ने ''लघुकथा का शैक्षिक महत्व'' आलेखों का पाठ किया। विचार विमर्श में डॉ.अनिता राकेश, छपरा, डॉ.अर्चना वर्मा, श्रीमती कुजूर, डॉ स्वर्ण किरण, तथा नचिकेता ने भाग लिया। सत्र का सफल संचालन डॉ. सतीशराज पुष्करणा ने तथा अध्यक्षता डॉ. जितेन्द्र सहाय, नचिकेता, एवं डॉ. रामशोभित प्रसाद सिंह ने किया।
तीसरे सत्र की शुरुआत लघुकथाओं के पाठ से प्रारंभ हुआ जिसका संचालन कृष्णानन्द कृष्ण ने किया। सत्र की अघ्यक्षता डॉ. स्वर्ण किरण डॉ. शत्रुघ्न प्रसाद, श्रीमती पुष्पलता कश्यप, श्री नागेन्द्र प्रसाद सिंह, डॉ. सिद्धेश्वर कश्यप एवं श्री नरेन्द्र प्रसाद 'नवीन' ने की। इस सत्र में लगभग पचास लघुकथाकारों ने अपनी लघुकथाओं का पाठ किया जिनमें प्रमुख थे- सर्वश्री डॉ. सतीशराज पुष्करणा, पुष्पा जमुआर, वीरेन्द्र कुमार भारद्वाज, डॉ. मधु वर्मा, रामप्रसाद 'अटल' (जबलपुर), श्रीमती निर्मला सिंह, (बरेली) डॉ. उर्मिला कौल (भोजपुर), श्रीमती (गीतकार नचिकेता को सम्मानित करते कविवर सत्यनारायण) पुष्पलता कश्यप, (जोधपुर) गुरनाम सिंह रीहल, (जबलपुर) नरेन्द्र कुमार सिंह, स्वाति गोदर, नरेश पाण्डेय चकोर, ई. केदारनाथ, डॉ. स्वर्ण किरण, नरेन्द्र प्रसाद नवीन, देवेन्द्रनाथ साह (भागलपुर) गणेश प्रसाद महतो, (भागलपुर) डॉ. लखन लाल 'आरोही', अंकुश्री(झारखंड) डॉ. अमरनाथ चौधरी 'अब्ज', (झारखंड) रामयतन यादव, अरुणेन्द्र भारती, भगवान सिंह 'भास्कर', डॉ. महामाया प्रसाद 'विनोद', अलका वर्मा, जनार्दन यादव आदि। पठित लघुकथाओं पर नागेन्द्र प्रसाद सिंह, डॉ. स्वर्ण किरण ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कुछ लघुकथाओं की सराहना की तथा लघुकथाकारों को कथानक के चुनाव पर सावधानी बरतने की सलाह दी।
सम्मेलन के अंतिम सत्र में काव्य पाठ का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता डॉ. परमेश्वर गोयल ने की। अध्यक्ष मंडल के अन्य सदस्य थे डॉ. सतीशराज पुष्करणा, एवं नवगीतकार श्री सत्यनारायण। संचालन किया राजकुमार प्रेमी ने। सर्व श्री सत्यनारायण, डॉ. सतीशराज पुष्करणा, पुष्पा जमुआर, वीरेन्द्र कुमार भारद्वाज, डॉ. उर्मिला कौल (भोजपुर), नरेन्द्र कुमार सिंह, स्वाति गोदर, ई. केदारनाथ, डॉ. स्वर्ण किरण, भगवान सिंह 'भास्कर', डॉ. सिद्धेश्वर काश्यप, प्रमुख थे।
इस अवसर पर सर्वश्री पुष्करणा ट्रेडर्स की स्वमिनी श्रीमती नीलम पुष्करणा द्वारा पुस्तक प्रदर्शनी लगाई जिसकी सराहना मुक्त कंठ से की गयी। पुस्तकों की अच्छी बिक्री हुई। यह सम्मेलन प्रख्यात कथालेखिका डॉ. प्रभा खेतान, डॉ. बच्चन सिंह, गोपालजी झा गोपेश, कवयित्री कीर्ति चौधरी, डॉ. प्रभुदयाल अग्निहोत्री, डॉ. गिरिजाशंकर त्रिवेदी, गायक महेन्द्र कपूर की पुण्यस्मृति को सादर समर्पित था। साहित्य सचिव वीरेन्द्र कुमार भारद्वाज के धन्यवाद ज्ञापन के साथ सम्मेलन संपन्न हुआ।
(विवरण- वीरेन्द्र कुमार भारद्वाज)
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