बस्ती (उत्तर प्रदेश), २५ दिसंबर, देश के विभिन्न राज्यों के मनीषी साहित्यकारों को साहित्य के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिये प्रतिष्ठित संस्था निराला साहित्य एवं संस्कृति संस्थान, बस्ती द्वारा राष्ट्रीय साहित्य गौरव सम्मान से अलंकृत किया गया। यह संस्था लंबे समय से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित करती रही है। समारोह के मुख्य अतिथि बस्ती मंडल आयुक्त श्री सुशील कुमार थे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता मूर्धन्य साहित्यकार एवं पंजाब कला साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. राजेन्द्र परदेसी ने की।लगभग पाँच घंटे तक चले इस कार्यक्रम में हिंदी की विकास यात्रा पर आधारित परिचर्चा और राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया, जिसमें देश के १५ राज्यों से पधारे कवियों ने काव्य पाठ करके श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। निराला साहित्य एवं संस्कृति संस्थान, बस्ती के संयोजक एवं अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण लाल जगमग की पहल पर आयोजित इस भव्य समारोह में पंजाब केसरी के जम्मू-कश्मीर प्रभारी एवं कथाकार बलराम सैनी एवं हरियाणा लोक साहित्य के अध्येता तथा छायाकार ओम प्रकाश कादयान के अलावा मुख्यतः त्रिलोक सिंह ठकुरेला (राजस्थान), नन्देश निर्मल खगड़िया (बिहार), कुँवर प्रेमिल जबलपुर (म.प्र.), कैलाश झा किंकर (बिहार), मोहम्मद मोइउद्दीन अतहर (म.प्र. ), किशनलाल शर्मा आगरा (उ.प्र.), डॉ. सरयू प्रसाद मिश्र बस्ती (उ.प्र.), डॉ. ज्ञानेन्द्र द्विवेदी दीपक सिद्धार्थ नगर (उ.प्र.) और डॉ रामचंद्र यादव गोंडा (उ.प्र.) आदि को सम्मानित किया गया।
इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश के कुंवर प्रेमिल, महाराष्ट्र के यशवंतकर संतोष कुमार, सिक्किम के वीरभद्र, पश्चिम बंगाल के गोपाल नेवाल, उत्तराखंड के डा.केएल दीवान, बीएसए मनभरन राम राजभर, उप खंड शिक्षाधिकारी बृजेश त्रिपाठी, डा.सरयू प्रसाद मिश्र, डा.अयोध्या प्रसाद पांडेय, सत्येंद्र नाथ मतवाला, बृजराज शुक्ल, नवल किशोर, संतराम, अब्दुल कादिर, हरिश्चंद्र शुक्ल, राघवेंद्र शरण पांडेय, लालमणि प्रसाद, अफजल हुसैन, अनवार हुसैन पारसा, कैलाशनाथ दुबे, डा.रामचंद्र यादव, डा.ज्ञानेंद्र द्विवेदी, धर्मराज चौधरी को भी विविध क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। बाद में हुयी संगोष्ठी व कवि सम्मेलन में मुख्य रूप से डा.सत्यव्रत, डा.रामदुलारे पाठक, प्रेमशंकर द्विवेदी, कृष्ण कुमार उपाध्याय, सागर गोरखपुरी, अजय श्रीवास्तव, परमात्मा प्रसाद निर्दोष, डा.ओम प्रकाश पांडेय व रहमान अली रहमान ने भी प्रस्तुतियाँ दीं।
परिचर्चा के समय ओमप्रकाश कादयान, डॉ. सत्यव्रत, कैलाश झा किंकर और डॉ. ज्ञानेन्द्र द्विवेदी दीपक ने हिंदी की दशा और दिशा पर विस्तार से प्रकाश डाला। मंच का संचालन डॉ. रामकृष्ण लाल जगमग और डॉ. अफजल हुसैन अफजल ने संयुक्त रूप से किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें