मुरादाबाद, बुधवार ९ मई , तीर्थंकर महावीर यूनीवर्सिटी के पॉलीटेक्निक कालेज के प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं के लिए स्वरचित कविता प्रतियोगिता का आयोजन लेक्चर थिएटर में किया गया। इस आयोजन में माननीय कुलाधिपति श्री सुरेश जैन जी, ग्रुप वाइस चेयरमेन श्री मनीष जैन जी, कुलपति प्रो. आर.के. मित्तल जी तथा कुलसचिव प्रो. आर.के. मुदगल जी की प्रेरणा एवं पॉलीटेक्निक कालेज के प्राचार्य प्रो. टी.पी. अग्रवाल, डीन एम. आर. खुराना और सहायक कुलसचिव नितिन अग्रवाल के विशेष सहयोग से कार्यक्रम का शुभारम्भ सर्वश्री माहेश्वर तिवारी, शचीन्द्र भटनागर, महेश दिवाकर, प्राचार्य प्रो. टी.पी. अग्रवाल, एम. आर. खुराना, एस. सी. सिंघल, नितिन अग्रवाल द्वारा माँ सरस्वती की अर्चना एव वंदना से हुआ।
कार्यक्रम में १४ प्रतिभागियों- अभिषेक कुमार, अभिषेक मिश्रा, सिफात हैदर, जोनी कुमार, जुल्फेकार अली, धर्मेन्द्र कुमार, दिनेश कुमार, प्रदीप कुमार, मोहम्मद यूसुफ़, शमशाद अहमद, सुमित पाण्डेय, कृतिका राकेश, वैभव शुक्ला ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में छात्रों को अपनी स्वयं की लिखी हुई कविता 'स्वरचित कविता प्रतियोगिता' के संयोजकों (अवनीश सिंह चौहान एवं अनुराधा पंवार) को प्रस्तुत करनी थी। तदुपरांत निर्णायक मंडल के सम्मानित सदस्यों द्वारा चयनित रचनाओं के रचनाकारों को प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति प्रदान की गयी। प्रतियोगिता में भाग लेने पर रचनाओं के कथ्य एवं प्रस्तुतीकरण के आधार पर निर्णायक मंडल के सम्मानित सदस्यों- सर्वश्री शचीन्द्र भटनागर, माहेश्वर तिवारी एवं महेश दिवाकर ने अपना निर्णय सुनाया जिसमें कृतिका राकेश, धर्मेन्द्र कुमार तथा जुल्फेकार अली एवं वैभव शुक्ला (संयुक्त रूप से) को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इस कार्यक्रम के संयोजक अवनीश सिंह चौहान और अनुराधा पंवार रहे।
इस अवसर पर वरिष्ठ गीतकार माहेश्वर तिवारी जी ने कहा कि यह प्रतियोगिता अपने आप में महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके माध्यम से युवा पीढी को अपनी सोच एवं रचनात्मकता को प्रकट करने का सुनहरा अवसर मिला है। वरिष्ठ कवि शचीन्द्र भटनागर जी ने कहा कि तकनीकी छात्रों को कविता से जोड़ना एक अच्छी पहल कही जा सकती है जिससे छात्रों में सामाजिक चेतना आयेगी। वरिष्ठ साहित्यकार महेश दिवाकर जी ने कहा कि यांत्रिकी को संवेदना से जोड़कर यदि आज के युवा कार्य करेंगे तो उनके कार्य मानव की भलाई के लिए ही होंगे, विनाश के लिए कदापि नहीं। प्रो. टी. पी अग्रवाल ने कहा कि हमारे छात्र कविता के माध्यम से न केवल संस्कार सीखेंगे बल्कि समाज को भी संस्कारित करेंगे। डीन एम. आर. खुराना ने अपने वक्तव्य में कहा कि इससे छात्रों में क्रियेटिविटी आयेगी। नितिन अग्रवाल ने कहा कि कि साहित्य सृजन और पाठन से छात्रों में चेतना आयेगी। अवनीश सिंह चौहान ने कहा कि आज की युवा पीढी साहित्य से कटती चली जा रही है; इस तरह के आयोजन उनमें साहित्य के प्रति अभिरुचि पैदा करेंगे। जबकि अनुराधा पंवार ने कहा कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों को जहाँ साहित्य की महत्ता को समझाने का अवसर मिला है वहीं वे अच्छे मूल्यों को अपनाकर अपना जीवन सुन्दर बनायेंगे ।
कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए छात्र-छात्राओं को समय-समय पर कविता की बारीकियों से अवगत कराया गया और उनका मार्गदर्शन किया गया था, जिसमें अवनीश सिंह चौहान, अनुराधा पंवार, वरुण झा, कार्तिकेय, वर्षा वत्स, जरीन फारुक का विशेष सहयोग रहा। इस आयोजन से एक दिन पूर्व इन छात्रों की रचनाओं को पूर्वाभास पर भी प्रकाशित किया गया ताकि इंटरनेट के पाठक इन युवाओं के रचनाकर्म से परिचित हो सकें।
इस अवसर पर सर्वश्री मयंक पंवार, अवनीश चौहान (हरिद्वार), संजीव चौहान, अभिनव सक्सेना, अरविन्द गौड़, ए. एम. खान, सचिन चौधरी, अंशु, निधि वर्मा, कार्तिकेय, पायल, वर्षा वत्स, एस.बी रस्तोगी, जितेश सिंह, हिमांशु शर्मा, ए. के. सिंह, अंकित बाजपेयी, विवेक, नीलोफर, संतोष गंगवार, हैदर अली, वरुण गुप्ता, मो. मुकीम, नवनीत सैनी, प्रदीप अम्बेडकर, रूचि अग्रवाल, पुनीत कुमार, डी.एम गर्ग, अमित शर्मा , मुस्तफा अहमद, टी.डी. सक्सेना, सोनू चौहान, सौरभ भटनागर, गौरव सिंह, कृति वर्मा, अंजना चौधरी, मो. उमर, कुमुद राणा एवं यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। मंच का संचालन अवनीश सिंह चौहान ने किया।
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