मंगलवार, 8 मई 2012

प्रतिष्ठित लमही सम्‍मान सुप्रसिद्ध कथाकार श्री शिवमूर्ती को

हिंदी की प्रतिष्ठित पत्रिका लमही द्वारा दिया जाने वाला लमही सम्‍मान वर्ष २०११ हेतु सुप्रसिद्ध कहानीकार श्री शिवमूर्ती को दिया जायेगा। लमही के प्रधान संपादक विजय राय ने जानकारी देते हुए बताया कि यह सम्‍मान लखनऊ में अक्‍टूबर में होने वाले समारोह में प्रदान किया जायेगा।

वर्ष २०११ का लमही सम्‍मान कथाकार श्री शिवमूर्ती को दिये जाने का निर्णय चार सदस्‍यीय चयन समिति ने लिया। इस चयन समिति में वरिष्‍ठ साहित्‍यकार चित्रा मुदगल, रंगमंच से डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी, लमही के संपादक विजय राय तथा साहित्यकार सुशील सिद्धार्थ शामिल थे। श्री शिवमूर्ती को लमही सम्‍मान ८ अक्‍टूबर को लखनऊ में आयोजित होने वाले लमही के साहित्यिक समारोह में प्रदान किया जायेगा। इस समारोह में लमही के श्री शिवमूर्ती पर केन्द्रित विशेषांक का भी विमोचन किया जायेगा। यह विशेषांक श्री सुशील सिद्धार्थ के अतिथि संपादन में प्रकाशित होने जा रहा है।

सुल्तानपुर(उत्तर प्रदेश) के गांव कुरंग में जन्मे श्री शिवमूर्ती की कसाईबाड़ा, सिरी उपमा जोग, भरत नाट्यम्, तिरिया चरित्तर आदि प्रसिद्ध तथा चर्चित कहानियाँ हैं। उनका केशर कस्तूरी कथा संग्रह तथा त्रिशूल और तर्पण जैसे उपन्यास प्रकाशित तथा चर्चित हो चुके हैं। श्री शिवमूर्ती की कुछ कहानियाँ रंगमंच और सिनेमा का कथानक बनीं हैं तथा कसाईबाड़ा पर पाँच हजार से ज्यादा मंचन हो चुके हैं, इस पर फीचर फिल्म भी बनी है। तिरिया चरित्तर पर बासु चटर्जी की फिल्म बनी है। कई कहानियाँ देशी-विदेशी भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। वर्ष २००२ में श्री शिवमूर्ती को कथाक्रम सम्मान प्रदान किया गया था।

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