युवा कथाकार पंकज सुबीर को उपन्यास ये वो सहर तो नहीं के लिये वर्ष 2010 का ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार प्रदान किया गया । भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा दिल्ली पुस्तक मेले में 29 दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम में शीर्ष आलोचक डॉ नामवर सिंह की अध्यक्षता, वरिष्ठ कथाकार श्रीमती चित्रा मुदगल के मुख्य आतिथ्य तथा डॉ विजय मोहन सिंह, श्री रवीन्द्र कालिया, कथाकार श्री अखिलेश, श्रीमती ममता कालिया, कवि दिनेश शुक्ली की उपस्थिति में 31000 रुपये तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया ।
सोमवार, 24 जनवरी 2011
पंकज सुबीर को वर्ष २०१० का ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार
युवा कथाकार पंकज सुबीर को उपन्यास ये वो सहर तो नहीं के लिये वर्ष 2010 का ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार प्रदान किया गया । भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा दिल्ली पुस्तक मेले में 29 दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम में शीर्ष आलोचक डॉ नामवर सिंह की अध्यक्षता, वरिष्ठ कथाकार श्रीमती चित्रा मुदगल के मुख्य आतिथ्य तथा डॉ विजय मोहन सिंह, श्री रवीन्द्र कालिया, कथाकार श्री अखिलेश, श्रीमती ममता कालिया, कवि दिनेश शुक्ली की उपस्थिति में 31000 रुपये तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया ।
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