बुदापैश्त- दिनांक १ जुलाई २०१० को ऐल्ते विश्वविद्यालय के भारोपीय विभाग की कक्षाओं के समापन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि हंगरी में भारत के राजदूत महामहिम गौरीशंकर गुप्ता थे। विभागाध्यक्ष मारिया नैज्येशी ने महामहिम जी का स्वागत करके विभाग के अध्यापकों व छात्रों से परस्पर परिचय करवाया। महामहिम गौरीशंकर गुप्ता ने अपने संक्षिप्त भाषण में भारत के प्राचीन इतिहास से लेकर अद्यतन गतिविधियों की संक्षिप्त चर्चा की। जिसमें वेदों से लेकर चंद्रयान तक का उल्लेख किया गया। विभाग के प्राध्यापक दैजो चाबा ने स्व संपादित पुस्तक महामहिम को भेंट की। इस पुस्तक में विभाग के लगभग सभी स्नातकों के लेखों का संग्रह किया गया है।
इस अवसर पर मानद प्राध्यापिका डॉ. गीता शर्मा को भावभीनी विदाई भी दी गई। इस समारोह में लेटिन भाषा और साहित्य के विभागाध्यक्ष देरि बालाज के अतिरिक्त हिदैश गैर्गैय (टैगोर फेलो), दानियल बलोग (अंशकालिक प्रवक्ता), विभाग में कार्यरत अतिथि प्राचार्य प्रमोद कुमार शर्मा, हंगरी की सुप्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना पन्नि शोमि और तुर्की विभाग के प्राध्यापक बैनैदैक पेरि भी इस अवसर पर उपस्थित थे। कार्यक्रम के उपरांत महामहिम गौरीशंकर गुप्ता ने विभाग का संदर्शन किया, इसकी समस्याओं को समझा और इनका निराकरण करने का आश्वासन दिया। महामहिम जी ने विभाग में उपलब्ध पुस्तकों की प्रशंसा की तथा विभाग व राजदूतावास के पुस्तकालयों के लिए साझा व्यवस्था करने की संभावना पर भी विचार किया।
इस अवसर पर मानद प्राध्यापिका डॉ. गीता शर्मा को भावभीनी विदाई भी दी गई। इस समारोह में लेटिन भाषा और साहित्य के विभागाध्यक्ष देरि बालाज के अतिरिक्त हिदैश गैर्गैय (टैगोर फेलो), दानियल बलोग (अंशकालिक प्रवक्ता), विभाग में कार्यरत अतिथि प्राचार्य प्रमोद कुमार शर्मा, हंगरी की सुप्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना पन्नि शोमि और तुर्की विभाग के प्राध्यापक बैनैदैक पेरि भी इस अवसर पर उपस्थित थे। कार्यक्रम के उपरांत महामहिम गौरीशंकर गुप्ता ने विभाग का संदर्शन किया, इसकी समस्याओं को समझा और इनका निराकरण करने का आश्वासन दिया। महामहिम जी ने विभाग में उपलब्ध पुस्तकों की प्रशंसा की तथा विभाग व राजदूतावास के पुस्तकालयों के लिए साझा व्यवस्था करने की संभावना पर भी विचार किया।
--डॉ. प्रमोद शर्मा
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