(चित्र में- महामहिम रंजीत राय जी प्रधानमंत्री का संदेश पढ़ते हुए)
27 मार्च 2010 को बुदापैश्त, हंगरी के ओत्वोश लोरांद विश्विद्यालय के भारतीय विद्या अध्ययन विभाग एवं भारतीय दूतावास के सहयोग से विश्व हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। भारत व हिंदी- प्रेमी हंगेरियन व हंगरी में रहनेवाले भारतीय जन इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बुदा की पहाड़ियों में स्थित मोरित्स जिगमौंड जिमनेजियम के हॉल में एकत्रित हुए। इस उत्सवी माहौल को हंगारी लड़कियों की भारतीय वेशभूषा और अधिक रंगीन बना रही थी। कहीँ उनकी चूड़ियाँ खनक रही थीं तो कहीं उनके दुपट्टे लहरा रहे थे। एक दो महिलाएँ तो साड़ी भी पहने थीं जो पिनें लगी होने के बाद भी उनसे मुश्किल से सँभल रही थीं। यह इस अवसर का ही महत्व था कि इसके लिए कुछ छात्रों ने विशेष रूप से भारतीय पोशाकें खरीदीं थीं।
शिवशक्ति कलानंद तानसिन्हाज़ की हंगारी नृत्यांगनाओँ द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। इसके बाद श्रीमती गरिमा मोहन द्वारा गाई सरस्वती वंदना पर दो छोटी बालिकाओं ने नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हंगरी में भारत के राजदूत महामहिम रंजीत राय ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी का हिंदी दिवस के अवसर पर विश्व को दिया संदेश पढ़कर सुनाया। महामहिम जी ने हंगारी लोगों में बढ़ते हिंदी प्रेम की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने हंगरी में बढ़ते हिंदी के दायरे को सराहा। उन्होंने ऐल्ते में प्रतिनियुक्त अतिथि प्राचार्य प्रमोद कुमार शर्मा द्वारा संपादित हिंदी- भित्ति पत्रिका ‘प्रयास’ का उल्लेख करते हुए उसको निरंतर चलाए रखने के लिए विभाग को बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने आश्वासन दिया कि दूतावास की ओर से इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए भविष्य में भी पूरा-पूरा सहयोग मिलता रहेगा।। हंगरी में ऐल्ते विश्वविद्यालय के अलावा दूतावास की ओर से भी दो स्तरों पर सांध्यकालीन हिंदी कक्षाएँ चलाई जाती हैं और एक व्याख्यानमाला का भी आयोजन किया जाता है। इन कक्षाओं का संचालन प्रसिद्ध हिंदी-विदुषी डॉ. मारिया नज्यैशी करती हैं। इन सभी कक्षाओं में हंगेरियन या अन्य देशों के छात्र ही अध्ययन करते हैं भारतीय नहीं।
अतिथि प्राचार्य डॉ. शर्मा ने विभाग की हिंदी संबंधी गतिविधियों के बारे में संक्षिप्त रूप से बताया। (चित्र में- शिवशक्ति कलानंद समूह की नर्तकियाँ गणेश वंदना प्रस्तुत करते हुए।)
इसके बाद आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में हंगेरियन व भारतीय छात्रों और हिंदी प्रेमियों ने गीत-संगीत, कविताओँ और नृत्य से समाँ बाँध दिया। कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण था हंगरी के प्रसिद्ध उपन्यासकार मोरित्स जिगमोंड के लोकप्रिय हंगेरियन किशोर उपन्यास ‘पॉल स्ट्रीट फ्यूक’ के एक अंश ‘पुटी क्लब’ का हिंदी में मंचन। इसका अनुवाद एवं नाट्य-रूपांतरण अतिथि प्राचार्य ने किया था। नाटक के पात्रों वैईज, कोल्नई, प्रो. रात्ज़ द्वारा हिंदी में बोले गए संवादों ने दर्शकों का मन मोह लिया।
महामहिम रंजीत राय जी के हंगरी में कार्यकाल की समाप्ति का अवसर निकट होने के कारण अध्यापकों व छात्रों ने एक पारंपरिक हंगारी विदाई गीत गाकर उन्हें भावभीनी विदाई दी।
विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओँ के विजेताओँ व विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। मंच संचालन का कार्य श्री यशपाल और सुश्री दाविद क्रिस्टी ने किया था। कार्यक्रम का समापन दूतावास के द्वितीय सचिव (संस्कृति)श्री वी. वी. मोहन के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
--डॉ. गीता शर्मा, बुदापेश्त, हंगरी
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