रविवार, 29 नवंबर 2009
'काव्य हीरक' का लोकार्पण
टोराण्टो, कैनेडा - २३ अगस्त, २००९ को 'सद्भावना हिन्दी साहित्यिक संस्था'के संकलन काव्य हीरक का विमोचन किया गया। इसकी रूपरेखा इसी वर्ष ७ मार्च को, 'सद्भावना हिन्दी साहित्यिक संस्था' व 'वसुधा' हिन्दी साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिका के तत्वावधान में राजभाषा हिन्दी की हीरक जयन्ती का महापर्व के अवसर पर बनी थी। इस अवसर को स्मरणीय बनाए रखने के लिए संस्था के कवियों का 'काव्य हीरक' संकलन प्रकाशित करने की घोषणा की गई थी। गणेश चौथ की पावन तिथि २३ अगस्त, २००९ को, गणेश वंदना एवं सरस्वती माँ की उपासना के साथ 'काव्य हीरक' का लोकार्पण संस्था की सबसे छोटी सदस्या तेरह वर्षीय कुमारी अमृता शाक्य द्वारा सम्पन्न हुआ। संकलन एवं काव्य-संगीत संगोष्ठी जैसे आयोजन हिन्दी के प्रचार-प्रसार की शृंखला से जुड़ी कड़ियाँ हैं। 'काव्य हीरक' से पहले भी दो काव्य संकलन 'काव्य-वृष्टि' तथा 'बौछार' संस्था द्वारा प्रकाशित किए जा चुके हैं।
हिन्दी प्रेमियों के एकत्रीकरण, मिलन व अल्पाहार के उपरान्त संस्था की अध्यक्षा श्रीमती स्नेह ठाकुर ने उपस्थित सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि आज हम सर्वप्रथम दीया स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में जलाएँगे जिनके रक्त की एक-एक बूँद के हम आभारी हैं। संस्था के वयोवृद्ध कवि श्री शांति स्वरूप सूरी जी ने सबकी ओर से श्रद्धांजलि का दीया प्रज्वलित किया सरस्वती वंदना का सामूहिक गान हुआ। श्री प्यारे लाल गौड़ व श्रीमती सत्या गौड़ ने स्वतंत्र भारत देश के प्रति एक गीत 'भारत देश है मेरा' की प्रस्तुति की, अमृता शाक्य का नृत्य हुआ और संकलन के कवियों की कविताओं का काव्य-पाठ हुआ। 'काव्य हीरक' संकलन के रचनाकार- श्री जगदीश चन्द्र शारदा 'शास्त्री', डॉ. मौना कौशिक, श्री गोपाल बघेल 'मधु', श्रीमती श्यामा सिंह, श्री रमन अग्रवाल एवं श्रीमती स्नेह ठाकुर हैं संकलन व संपादन श्रीमती स्नेह ठाकुर का है।
संगोष्ठी के अन्य प्रतिभागी हैं - श्री अमीर चन्द, श्रीमती मीना चन्द, श्रीमती बिन्दु बाउन्स, श्रीमती ममता मेहता, श्रीमती अर्चना गुप्ता, श्रीमती निशा लाल, श्रीमती रजनी सक्सेना, श्री जगमोहन मेहरा, श्री मदन सहगल, श्री वीरेन्द्र ढींगरा, श्रीमती लक्ष्मी ओंम, श्री अजय शेरावत, श्रीमती सविता शेरावत, श्रीमती पुष्पा सक्सेना, श्री शांति स्वरूप सूरी, श्री संदीप कुमार त्यागी, श्री आनन्द गोयल, श्री अतुल सक्सेना, श्रीमती अनीता भारद्वाज एवं श्रीमती नरेश भारद्वाज भी इस अवसर पर उपस्थित थे। संस्था की अध्यक्ष एवं वसुधा की संपादक-प्रकाशक श्रीमती स्नेह ठाकुर ने सभी विशिष्ट अतिथियों, समारोह में भाग लेने वाले सभी कलाकारों, श्रोताओं व संस्था के सदस्यों के प्रति आभार प्रदर्शित करते हुए उन्हें इस संगोष्ठी को सफल बनाने हेतु धन्यवाद दिया तथा भोजन के लिए आमंत्रित किया।
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