
चित्र : स्व. डॉ. रतन लाल शर्मा जयन्ती के अवसर पर उनके पुत्र स्वप्नेश रतन, शरद तैलंग, डॉ. सी.एल.गंगन, मुख्य अतिथि डॉ. नरेन्द्र नाथ चतुर्वेदी एवं संचालक महेन्द्र नेह
कोटा : दिवंगत शिक्षाविद एवं साहित्यकार स्व. डॉ. रतन लाल शर्मा की जयन्ती समारोह में साहित्य और संगीत के क्षैत्र में विशेष योगदान के लिए शरद तैलंग तथा साहित्य और शिक्षा के क्षैत्र के लिए डॉ. सी.एल.गंगन को 'सृजन रतन सम्मान' २००९ से सम्मानित किया गया। कोटा राजस्थान के प्रेस क्लब में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता साहित्यकार श्रीमती कमला कमलेश ने की। मुख्य अतिथि डॉ. नरेन्द्र नाथ चतुर्वेदी थे। उन्होने अपने वक्तव्य में कहा कि डॉ. रतन लाल शर्मा का जैसा व्यक्तित्व था ऐसे ही विचारकों की आज आवश्यकता है जो नई पीढी़ को सही दिशा प्रदान कर सकें।शायर फ़ारूख बख्शी ने शर्मा के बारे में कहा कि वे एक मनोवैज्ञानिक की तरह सोचते थे तथा फ़िलोसफर की तरह ज़िन्दगी गुज़ारते थे। वे गंगा जमुनी तहज़ीब का आईना थे। मुख्य अतिथि डॉ. चतुर्वेदी तथा अध्यक्ष कमला कमलेश ने शरद तैलंग तथा डॉ. गंगन को शाल ओढ़ा कर तथा स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया। शरद तैलंग ने डॉ. शर्मा की काव्य कृति 'कसक' में से दो ग़ज़लों की संगीतमय प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार महेन्द्र नेह ने किया तथा सहयोग डॉ. शर्मा के पुत्र स्वप्नेश रतन तथा धैर्य रतन ने दिया। सम्मान समारोह के पश्चात काव्य संन्ध्या का आयोजन भी किया गया जिसमें कोटा के अनेक रचनाकारों जिनमें डॉ. इन्द्र बिहारी सक्सेना, रमेश चन्द्र गुप्त, महेन्द्र कुमार शर्मा, राम नारायण 'हलधर', किशन लाल वर्मा, डॉ. उदय मणि, लक्ष्मी दत्त 'तरुण', अरुण सेदवाल, महेन्द्र नेह, शकूर अनवर, आनन्द हज़ारी, आदि रचनाकारों ने काव्यपाठ किया। संचालन विजय जोशी ने किया। कार्यक्रम में स्व. डॉ. शर्मा की पत्नी श्रीमती कैलाश शर्मा भी उपस्थित थीं।
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