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किसी व्यवसायी समाज में पुस्तक प्रेम देखना सुखद है। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. रवि प्रकाश टेकचंदानी ऐसे पुस्तक प्रेमी हैं। वे अपने ग्रह नगर फैज़ाबाद में गत तीन वर्ष से पुस्तक मेले में स्टॉल लगा रहे हैं, जिसका उद्देश्य धन कमाना नहीं बल्कि लोगों को पुस्तकों के प्रति आकर्षित करना है। प्रख्यात लेखक हिमांशु जोशी भी इस कोशिश की सराहना करते हैं। डॉ. रवि के स्टॉल पर उत्कृष्ट सिंधी साहित्य के दर्शन होते हैं। इनमें सिंधी-अरबी, सिंधी-देवनागरी (सिंधी साहित्य दो लिपियों में लिखा जा रहा है।) और हिंदी में अनूदित सिंधी साहित्य शामिल होता है। (विवरण- अशोक मनवानी)
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